-नकली बोतल पर क्यूआर कोड लेवल लगाकर बेच रहे थे बाजार में शराब

-ढाबे से कुछ दूरी पर फल-फूल रहा था नकली शराब बनाने का कारोबार

आगरा। अछनेरा थाना क्षेत्र में जयपुर हाईवे पर महुअर गांव के पास स्थित हर्ष ढाबा में नकली शराब बनाई जा रही थी। पुलिस कार्रवाई में नकली शराब और क्यूआर बरामद किए हैं, इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।

आठ कमरों में स्प्रिट से भरे 21 ड्रम बरामद

शुक्रवार को सीओ अछनेरा महेश कुमार और इंस्पेक्टर अछनेरा उदयवीर सिंह मलिक ने छापा मारकर यहां से छह ड्रम रेक्टीफाइड स्प्रिट, कलर, ढक्कन, क्यूआर कोड और कार्टन बरामद किए। मौके से पुलिस ने यहां काम कर रहे रायभा निवासी रामवीर और महुअर निवासी विष्णु को गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने इस ढाबे से 50 मीटर दूर स्थित नकली शराब फैक्ट्री की दूसरी यूनिट में छापा मारा। यहां आठ कमरों में तहखाने में 4200 लीटर रेक्टीफाइड स्प्रिट से भरे 21 ड्रम, बनी और अधबनी नकली देसी शराब मिली।

यूपी एक्साइज स्कैनर एप से नहीं हुआ स्कैन

पैक्ड देसी शराब के कार्टन का पुलिस ने क्यूआर कोड स्कैन किया तो वह असली निकला। इसको स्कैन करने पर डिस्टिलरी से लेकर रिटेलर तक की पूरी डिटेल आ रही थी। इसके मुताबिक शराब का उत्पादन मुजफ्फर नगर की डिस्टलरी में हुआ और यह बिक्री के लिए रकाबगंज थाना क्षेत्र की एक शराब की दुकान पर आई थी। कार्टन को खोलकर देखा गया तो इसमें फाइटर ब्रांड देसी शराब के पौव्वे निकले। बोतल पर चिपके क्यूआर कोड यूपी एक्साइज स्कैनर एप से स्कैन किया गया तो पौव्वा स्कैन नहीं हुआ। इससे पता चल गया कि यह शराब नकली है। क्योंकि क्यूआर कोड आम आदमी को नहीं मिल सकता।

आबकारी राजस्व अदायगी का प्रमाण है क्यूआर कोड

क्यूआर कोड विभागीय आनलाइन पोर्टल से सीधे शराब उत्पादक द्वारा ही जनरेट करके बोतल पर लगाया जाता है। क्यूआर कोड आबकारी राजस्व अदायगी का प्रमाण होता है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि नकली शराब फैक्ट्री में तैयार की जा रही शराब को असली क्यूआर कोड लगे कार्टन में पैक करके रुनकता और बिचपुरी क्षेत्र के शराब ठेकों पर भेज दिया जाता था। यहां से इसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही थी.कार्टन पर असली क्यूआर कोड लगे होने के कारण ये चेकिंग में भी कहीं नहीं पकड़ी जाती थी.अब पुलिस की टीमें नकली शराब फैक्ट्री के आसपास की शराब की दुकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

बीस दिन पहले शुरू किया कारोबार

सीओ महेश कुमार ने बताया कि इस मामले में ढाबा संचालक रायभा निवासी सहदेव, रामवीर, विष्णु, महुअर गांव निवासी हरेंद्र, अनुज व दो अज्ञात लोगों के खिलाफ आबकारी अधिनियम, धोखाधड़ी व कूट रचना की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। नकली शराब फैक्ट्री का संचालन अनुज और सहदेव के द्वारा 20 दिन पहले से ही शुरू किया गया था। वे बड़े पैमाने पर नकली शराब बनाकर इसकी ठेकों पर सप्लाई करने की तैयारी कर रहे थे। कुछ ठेकों पर कर चुके थे.इन शराब ठेकों पर छापामारी चल रही है।

रंग मिलकार करते थे पैक

एक लीटर रेक्टीफाइड स्प्रिट में शातिर चार लीटर पानी मिलाते थे। इसमें एक चम्मच कैरामल यानी गुलाबी रंग मिलाकर शातिर इसे फाइटर ब्रांड के पौव्वों में पैक करते थे। आबकारी विभाग की टीम ने रेक्टीफाइड स्प्रिट की तीव्रता चेक की तो 93.6 फीसद इथाइल अल्कोहल की मात्रा निकली। तैयार शराब में 32.8 फीसद इथाइल अल्कोहल निकला।

नकली शराब गिरफ्तार अभियुक्त

-रामवीर पुत्र छन्नो निवासी बड़ी पार्टी रायभा थाना अछनेरा

-विष्णु पुत्र रामवीर निवासी बड़ी पार्टी रायभा थाना अछनेरा

फरार नकली शराब के आरोपी

-सहदेव पुत्र रामप्रकाश

-अनुज

-पुष्पेन्द्र

-हरेन्द्र

-अशोक कुमार चौधरी

-नरेन्द्र शर्मा

पुलिस ने मौके से जब्त किया सामन

-नकली देशी शराब की 69 पेटी में भरे हुए थे 3105 पौव्वे

-21 ड्रम, बनी और अधबनी नकली देसी शराब

-एक टंकी पांच सौ लीटर की बरामद

-आठ कमरों में तहखाने में 4200 लीटर रेक्टीफाइड स्प्रिट से भरे ड्रम मिले

-103 रैपर नकली फाइटर ब्रांड

-64 क्यूआरकोड नकली

अछनेरा के थाना महुर में ढाबे से पचास मीटर की दूरी नकली शराब तैयार की जा रही थी, पुलिस ने छापामार कार्रवाई कर नकली शराब बनाने का मटेरियल बरामद किया है। इस मामले अभी तो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि छह लोगों की तलाश की जा रही है।

मुनिराज जी, एसएसपी