- शिवसेना पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से मारपीट का आरोप,

- हॉस्पिटल और पुलिस की ओर से भी दर्ज कराए गए दो मुकदमे

आगरा। श्री पारस हॉस्पिटल के बाहर मंगलवार शाम को हुई मारपीट के मामले में तीन मुकदमे दर्ज हुए हैं। एक मुकदमा मारपीट का शिकार हुए शिवसेना नेताओं ने लिखाया तो दूसरा हास्पिटल प्रबंधन ने अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराया है। तीसरा मुकदमा पुलिस ने अपनी ओर से महामारी अधिनियम में लिख लिया है। इसमें शिवसेना जिलाध्यक्ष समेत अन्य नामजद हैं।

गंभीर धाराओं में मुकदमा

शिवसेना के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र वर्मा की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में लिखाया गया है कि वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ पीडि़तों से मिलने मंगलवार शाम को श्री पारस हॉस्पिटल गए थे। उन्होंने कुछ तीमारदारों से बात की। इस पर श्री पारस हॉस्पिटल के मालिक और कर्मचारियों ने जानलेवा हमला कर दिया। इससे एक कार्यकर्ता के सिर में गंभीर चोट लगी। 40 कर्मचारियों ने यह हमला किया। उन्हें जान बचाकर भागना पड़ा। नहीं भागते तो यह लोग जान से मार देते। इस मामले में बलवा, मारपीट, जान से मारने की धमकी में मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरा मुकदमा अनिल जैन ने लिखाया है। आरोप है कि श्री पारस हास्पिटल में सील लगने के कारण तीमारदार मरीजों को अपनी स्वेच्छा से ले जा रहे थे। अचानक 8-10 लोगों ने तीमारदारों पर हमला शुरू कर दिया। इस दौरान भगदड़ मच गई। इस दौरान हमलावरों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। तोड़फोड़ का भी प्रयास किया। तीसरा मुकदमा थाना न्यू आगरा के एसआइ अमित कुमार आर्य ने दर्ज कराया है। इसमें नगला पदी निवासी गौरव चौहान, दीपू, जितेंद्र, शिवसेना जिलाध्यक्ष वीरेंद्र वर्मा, माधव और 20-25 अज्ञात आरोपित बनाए गए हैं। मुकदमे में कहा गया है कि आरोपित धारा 144 का उल्लंघन और शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे थे।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पंजीकृत की शिकायत

आगरा : श्री पारस अस्पताल में 26 अप्रैल को हुई 22 मरीजों की मौत का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो को आधार बनाते हुए आयोग में शिकायत की है। इसमें अस्पताल प्रबंधन पर मॉकड्रिल के नाम पर सीधे-सीधे 22 लोगों की हत्या का आरोप लगाया गया है। आयोग से मामले को संज्ञान में लेते हुए अस्पताल संचालक डॉक्टर अ¨रजय जैन व प्रबंधतंत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता के अनुसार उनकी शिकायत आयोग में पंजीकृत हो गई है। उन्होंने गंभीर मामले की शिकायत महामारी लोक शिकायत समिति से भी की है।

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