- नाबालिग किशोरी को ले जाने वालों की भी की गई पहचान

- आईजी बोले अभी मामले में जारी है पुलिस की इंवेस्टीगेशन

आगरा। देशभर में सुर्खियां बना नाबालिग किशोरी के अपहरण के मामले में पुलिस को सफलता मिली। पुलिस ने उसे दिल्ली से बरामद कर लिया। पुलिस ने बताया कि किशोरी का अपहरण नहीं हुआ था। वह दोस्त के साथ दिल्ली गई थी। वहीं, किशोरी की बरामदगी के साथ ही पुलिस कई सवालों से भी घिर गई।

दिव्यांश से किशोरी का कनेक्शन

नाबालिग के दयालबाग में रहने वाली रिश्तेदार का बेटा नितिन है। नितिन का दोस्त दिव्यांश चौहान मूलरूप से ग्वालियर का रहने वाला है। किशोरी दिव्यांश के संपर्क में आई। दिव्यांश की किशोरी से फोन पर बात होती थी। किशोरी ने उसका नंबर डीसी के नाम से मोबाइल पर सेवा किया हुआ था। इस नंबर पर कई बार वीडियो कॉल भी की जाती थी। 23 फरवरी को दिव्यांश अपने दोस्त रिंकू के साथ किशोरी को लेने टैक्सी से आगरा आया। रिंकू हॉस्पिटल से किशोरी को ले गया। उसे दिल्ली के तिलक नगर में पेइंग गेस्ट के रूप में छह हजार रुपए महीने में किराये पर नाम बदलकर रूम दिलवा दिया।

अपहरण का दर्ज हुआ था मुकदमा

मंगलवार को थाना हरीपर्वत में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आईजी ए सतीश गणेश ने बताया कि 23 फरवरी को दयालबाग स्थित एक चैरिटेबल हॉस्पिटल से नाबालिग किशोरी गायब हुई थी। मामले में नाबालिग किशोरी के परिजनों ने अपहरण की आशंका जताई थी। साथ ही इस संबंध में थाना न्यू आगरा में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी। परिजनों ने इस मामले में एक आरोपी को नामजद भी किया। नामजद इस किशोरी से पूर्व में घटना कर चुका था। ऐसे में पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा दर्ज किया। इसके साथ ही इंवेस्टीगेशन शुरू कर दी गई।

दिल्ली में मिली लोकेशन

नामजद आरोपी के ठिकानों पर दबिश दी गई। वहीं, दूसरी ओर अन्य बिन्दुओं पर भी जांच जारी रही। पुलिस की प्रॉयरिटी में नाबालिग को सकुशल बरामद करना था। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक सíवलांस के साथ ग्राउंड इंफॉर्मेशन को भी एनालिसिस किया गया। इस दौरान पुलिस को नाबालिग किशोरी की लोकेशन दिल्ली में मिली। वह यहां पेइंग गेस्ट के तौर पर ठहरी थी। पुलिस की टीम ने उसे यहां से सकुशल बरामद किया। अब पुलिस नाबालिग किशोरी का मेडिकल कराने की तैयारी कर रही है।

क्या था मामला?

थाना न्यू आगरा के दयालबाग में 23 फरवरी को एक नाबालिग किशोरी दवा लेने हॉस्पिटल गई थी। वहां से वह गायब हो गई। ताजगंज की रहने वाली ये किशोरी दयालबाग में अपने रिश्तेदार के यहां ठहरी हुई थी। पिता ने मामले में थाना न्यू आगरा में अपहरण का नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो सीसीटीवी फुटेज सामने आए। सीसीटीवी फुटेज में किशोरी एक युवक के साथ दिखाई देती है। इसके कुछ देर बाद फुटेज में युवती एक धर्मविशेष के लिबास में नजर आती है। युवक चलने के दौरान उसे सहारा देते हुए नजर आता है। साथ ही इस दौरान वह उसके सिर पर बार-बार हाथ भी फेर रहा होता है। तभी से पुलिस नाबालिग किशोरी की तलाश में जुटी थी।

दोनों युवक लौट गए ग्वालियर

पुलिस पूछताछ में पता चला कि किशोरी को दिल्ली में छोड़ने के बाद दिव्यांश और रिंकू वापस अपने-अपने काम में लग गए। जिससे किशोरी के अपहरण के मामले में उनका नाम नहीं आए। चर्चा है कि ग्वालियर में दिव्यांश एक मामले में जेल चला गया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।

इन सवालों के पुलिस पर नहीं जवाब?

1. मेरठ में नामजद के परिवार पर किसी आरोप में की गई कार्रवाई?

2. नामजद की तीन महिला परिजनों को जेल भेज दिया, किस आरोप में?

3. नामजद के खिलाफ दर्ज मुकदमे में अब पुलिस क्या लेगी एक्शन?

4. जब अपहरण नहीं, तो फिर मुकदमा में अपहरण की धारा क्यों?

5. किशोरी को ले जाने वालों पर पुलिस ने क्या की कार्रवाई?

जब सोशल मीडिया पर ट्रेंड किया 'जस्टिस फॉर आगरा की बेटी'

नाबालिग किशोरी को ले जाने का मामला देशभर में सुर्खियां बन गया था। अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर मुहिम भी छेड़ दी थी। उनके द्वारा 'जस्टिस फॉर आगरा की बेटी' हैशटैग टॉप टेन में ट्रेंड कर रहा था।

नाबालिग किशोरी को दिल्ली से बरामद किया गया है। मामले में अभी इंवेस्टीगेशन जारी है। सभी बिन्दुओं पर पुलिस की जांच जारी है।

ए सतीश गणेश, आईजी, आगरा रेंज