घुसपैठियों को बांग्लादेशी साबित करना भी चुनौती
घुसपैठियों को बांग्लादेशी साबित करना भी आसान नहीं है। रुनकता में वर्ष 2018 में बांग्लादेशी सईद उल गाजी का परिवार पुलिस ने पकड़ा था। जमानत मिलने के बाद वह रुनकता में रह रहा है। उसे डिपोर्ट नहीं करने के कई कारण सामने आए। आरोपी बांग्लादेशी है, उसे तभी डिपोर्ट किया जा सकता है, जब वहां की सरकार यह माने की आरोपी उनका नागरिक है। ऐसे में सरकार के सामने ये बड़ी चुनौती है, जिसका घुसपैठिये अवैध तरीके से बार्डर क्रॉस कर फर्जी दस्तावेज के जरिए नागरिकता हासिल कर रहे हैं।

बढ़ती जा रहीं बस्तियां
खुफिया एजेंसी, स्थानीय पुलिस और नगर निगम की अनदेखी, स्थानीय नेताओं की मिलीभगत से शहर में अवैध बस्तियां बढ़ती जा रहीं हैं। जिसने बांग्लादेशी घुसपैठियों की राह को आसान किया। उन्होंने शहर से लेकर देहात तक कबाड़ के गोदाम बनाए। जिसके आसपास अपनी बस्तियां बसा लीं। लंबे समय वहां रहने के दौरान नेताओं और उनके एजेंटों के जरिए से अपना आधार कार्ड बनवा लिया। आगरा कमिश्नरेट में सैकड़ों बांग्लादेशी इस तरह की बस्तियां बनाकर रह रहे हैं। जिन्हें पकडऩा पुलिस के लिए अब चुनौती साबित हो रहा है। ताजनगरी के अलग-अलग इलाकों में पिछले दो दशक में सैकड़ों परिवार बसाए गए हैं।

खुफिया एजेंसी ने 37 बांग्लादेशी किए अरेस्ट
अवैध घुसपैठ के मामले में अब पुलिस 37 बांग्लादेशियों को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। सेक्टर 14 आवास विकास कॉलोनी सिकंदरा में खुफिया एजेंसी की सूचना पर पुलिस ने छापा मार कर 32 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं पांच अन्य बांग्लादेशियों को 18 मार्च की रात को ताजगंज क्षेत्र से अरेस्ट किया गया है। जबकि अन्य के बारे में अभी जांच की जा रही है।

यहां कूड़ा बीनने वालों की संख्या में इजाफा
शहर और उससे लगे ग्रामीण इलाकों में कूड़ा बीनने वालों की संख्या में कुछ वर्षों की अपेक्षा इजाफा हुआ है। यह कूड़ा बीनने वाले किसी से बात नहीं करते। कॉलोनियों में घूमते हैं। वर्तमान में सदर के रोहता, उखर्रा, एनसी वैदिक स्कूल के पास और ताजगंज में इस तरह की बस्तियां हैं। इसके अलावा रकाबगंज में बिजलीघर के आसपास, न्यू आगरा थाना क्षेत्र, सिकंदरा आवास विकास कॉलोनी, फतेहपुर सीकरी और कागारौल में भी इस तरह की बस्तियां हैं। जिनमें बांग्लादेशियों के रहने का शक है। पुलिस अब इन बस्तियों की छानबीन कर रही है।

जन्नत आरा करवाती थी सीमा पार
पुलिस के अनुसार पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों को अजीजुर गाजी और उसकी पत्नी जन्नत आरा सीमा पार से घुसपैठियों को अवैध तरीके से एंट्री करा देते थे। जन्नत आरा के पास से बांग्लादेश का पासपोर्ट भी बरामद हुआ है, जिसका फायदा उठाकर वह लोगों को सीमा पार कराने में कामयाब हो जाती थी। जांच के बाद एटीएस ने पुलिस के साथ मिलकर ताजगंज में एक शादी हाल के पास सरकारी जमीन पर झोंपड़ी बनाकर रह रहे इब्राहिम शेख, जन्नत आरा, राजू शेख और मुक्ता शेख पर शिकंजा कस दिया। उनके पास से फर्जी तरीके से बनवाए गए आधार कार्ड, बांग्लादेश की आईडी, कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बरामद किए हैं इसकी जांच की जा रही है।

तस्करी में पकड़ी फातिमा बेच रही सब्जी
एक दशक पहले यमुना ब्रिज मेें रहने वाली महिला फातिमा को नकली नोट तस्करी के मामले में अरेस्ट किया था, जमानत पर जेल से रिहा होने के बद उसने लोकल व्यक्ति से शादी कर ली, वर्तमान में फातिमा क्षेत्र में सब्जी की ठेल लगा रही है।



अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशियों को लेकर लगातार इनपुट सामने आ रहे हैं, जिसको लेकर थाना ताजगंज में कार्रवाई की गई, जिसमें पांच बांग्लादेशियों को अरेस्ट किया गया है, आगे भी ये अभियान जारी रहेगा।
नवीन आरोडा, एडीजी, एटीएस