- बरनाला कोर्ट ने दोनों की चार दिनों की रिमांड मंजूर की

- शनिवार सुबह कमलानगर से दोनों को किया था गिरफ्तार

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बरनाला: मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) बनकर 11 राज्यों के 52 जिलों में नशा तस्करी करने वाले 'आगरा गैंग' के सरगना जितेंद्र उर्फ विक्की अरोड़ा और उसके भाई कपिल अरोड़ा को बरनाला पुलिस ने रविवार को अदालत के जरिए रिमांड पर ले लिया। इन दोनों को आगरा के कमलानगर से शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। गैंग में शामिल आगरा के हरीश, सचिन, गौरव और धीरेंद्र को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ये चारों अभी पुलिस रिमांड पर हैं।

चार दिन की पुलिस रिमांड

बरनाला की एएसपी डॉ। प्रज्ञा जैन ने बताया कि आगरा से गिरफ्तार विक्की अरोड़ा व उसके भाई कपिल अरोड़ा को बरनाला पुलिस रविवार को पंजाब ले आई। दोनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कोर्ट बरनाला की जज बबलजीत कौर के समक्ष पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों आरोपितों को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। सोमवार को दोनों का कोरोना टेस्ट करवाया जाएगा। जितेंद्र अरोड़ा उर्फ विक्की के आगरा स्थित गोदाम में नशीली दवाएं रखी होने की आशंका है। रिमांड के दौरान दोनों आरोपितों से नशीली दवाओं के धंधे के बारे में जानकारी ली जाएगी। उनके गोदाम की भी तलाशी ली जाएगी। गैंग के तीन अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

16 आरोपियों को भेजा जेल

एएसपी ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार अन्य 16 आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। इनमें सात बरनाला, सात अमृतसर, एक दिल्ली व एक संगरूर से है। 'आगरा गैंग' के हरीश कुमार के अलावा अन्य सदस्यों सचिन शर्मा, गौरव अग्रवाल, धीरेंद्र कुमार को सोमवार को फिर अदालत में पेश किया जाएगा। सभी पुलिस रिमांड पर हैं।

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दस हजार का कार्टन बिकता था आठ लाख में

पुलिस के अनुसार, विक्की अरोड़ा और उसका भाई कपिल दस हजार रुपये कीमत की नशीली दवा के कार्टन को पचास हजार में खरीदता था। यह दूसरे राज्यों में थोक दवा विक्रेताओं को डेढ़ लाख रुपये का और वहां से थोक विक्रेता रिटेलर को तीन लाख रुपये का बेचते थे। अंत में रिटेलर इसी दवा को छह से आठ लाख रुपये की बेच देते हैं। इस तरह नशीली दवा के कारोबार में इससे जुड़े लोग हर स्तर पर मोटा मुनाफा कमाते हैं।

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औषधि विभाग सोता रहा, दुकान खाली कर फरार

-पंजाब पुलिस ने पकड़ी थी दर्द निवारक क्लोवीडोल एसआर की डेढ़ लाख गोलियां

-जय हनुमान फार्मा संजय प्लेस से हुई थी सप्लाई, संचालक फरार, लाइसेंस निरस्त

जागरण संवाददाता, आगरा: नशीली दवाओं के अवैध धंधे की जानकारी पंजाब पुलिस ने मई में ही स्थानीय औषधि विभाग को दे दी थी। मगर औषधि विभाग सोता रहा और इधर दवाएं सप्लाई करने वाला दुकान खाली कर फरार हो गया। औषधि विभाग ने अब इसका लाइसेंस निरस्त कर दिया है।

गोलियां गिरोह से बरामद की थीं

अप्रैल में पंजाब पुलिस ने नशे के लिए इस्तेमाल की जा रही दर्द निवारक दवा क्लोवीडोल एसआर की डेढ़ लाख गोलियां गिरोह से पकड़ी थीं। पूछताछ में ये दवाएं जय हनुमान फार्मा, संजय प्लेस, आगरा द्वारा सप्लाई की गईं थीं। मई में पंजाब पुलिस ने औषधि विभाग को इस फर्म की जानकारी दे दी। टीम जय हनुमान फार्मा, संजय प्लेस पहुंची, दुकान बंद मिली। इसके बाद आगे जांच नहीं की। इस बीच लाखन सिंह दुकान से दवाएं सहित अन्य दस्तावेज लेकर फरार हो गया।

किराये पर ली थी दुकान

इधर, पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद औषधि विभाग की टीम फिर सक्रिय हुई। औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि संजय प्लेस में जय हनुमान फार्मा बंद मिली। संचालक लाखन सिंह ने यह दुकान राजपुर चुंगी निवासी मयंक जैन से किराए पर ली थी। मयंक को बुलाकर दुकान खुलवाई गई। दुकान खाली थी। इसके बाद पंजीकरण में दर्ज कराए गए पते पर पीपल मंडी पहुंचे। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति यहां नहीं रहता है। जय हनुमान फार्मा, संजय प्लेस का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

2019 में पंजीकरण, आधार कार्ड फर्जी

जय हनुमान फार्मा, संजय प्लेस का थोक का लाइसेंस 2019 में औषधि विभाग द्वारा जारी किया गया। लाइसेंस के लिए औषधि विभाग की टीम निरीक्षण करती है। सूत्रों के मुताबिक, निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। कागजी कार्रवाई कर लाइसेंस जारी कर दिया गया। जबकि संचालक लाखन सिंह द्वारा अपना पता भी फर्जी दर्ज किया गया, आधार कार्ड भी फर्जी लगाया गया।

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