आगरा: पूर्व कैबिनेट मंत्री रामवीर उपाध्याय बसपा से वर्ष 1996 में जुड़े थे। 2007 में बसपा की सरकार बनाने में सहयोग किया था। पिछले तीन बार के चुनावों में बसपा की हार से व्यथित होकर उन्होंने बसपा का साथ छोड़ा था।


आगरा में भी सियासी पिच बनाई
इसके बाद उन्होंने अपनी राजनीति दूरदर्शिता और सूझबूझ से भविष्य को भांपते हुए हाथरस की सियासी पिच पर चौके-छक्के जडऩे के साथ ही वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के लिए आगरा में भी अपनी जड़ें जमाईं। फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर पत्नी सीमा उपाध्याय को चुनाव जितवाकर अपना झंडा बुलंद किया। तब उन्होंने दिग्गज नेता राजबब्बर को चुनाव में हरा दिया था।

यह रहा था राजनीति का सफर
- वर्ष 1993 में हाथरस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा। इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
- वर्ष 1996 में हाथरस सीट से बसपा से चुनाव लड़ा। चुनाव जीत गए।
- वर्ष 1999 में जलेसर लोकसभा सीट से बसपा से चुनाव लड़ा। यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
- वर्ष 2002 में हाथरस सीट से बसपा से चुनाव लड़ा। चुनाव जीता लिया।
- वर्ष 2007 में हाथरस सीट से बसपा से चुनाव लड़ा। जीत हासिल की।
- वर्ष 2012 में सिकंदराराऊ सीट से बसपा से चुनाव लड़ा। जीत हासिल की।
- वर्ष 2017 में सादाबाद सीट से बसपा से चुनाव लड़ा। चुनाव जीत गए।
- वर्ष 2022 में सादाबाद सीट से भाजपा से चुनाव लड़ा। यहां उन्हें हार से सामना करना पड़ा।
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