- कई केंद्रों पर टीका लगने के बाद 30 मिनट इंतजार नहीं कर रहे लाभार्थी

- स्टाफ की कमी के चलते टीकाकरण कार्यक्रम हो रहा अव्यवस्थित

आगरा। कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम जब शुरू हुआ था, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैक्सीनेशन सेंटर को पोलिंग बूथ जितना सुरक्षित बनाने की बात कही थी। शुरूआती समय में वैक्सीनेशन सेंटर पर सभी सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा था। लेकिन अब हालात उलट हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने शहर के विभिन्न वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण किया तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। जैसे-जैसे वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ती जा रही है तो टीकाकरण केंद्रों पर अव्यवस्थाएं बढ़ती जा रही हैं।

केवल दो वैक्सीनेटर के भरोसे सेंटर

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम शाहगंज-1 टीकाकरण केंद्र पहुंची, तो यहां पर न तो कोई गार्ड मिला और न ही कोई वेरीफायर मिला। यहां पर केवल दो वेक्सीनेटर ही तैनात हैं। कोविड का टीका लगवाने आने वाले लोग आते जा रहे हैं। इनमें से एक वैक्सीनेटर टीकाकरण कराने आए लोगों की डिटेल्स को वेरीफाई कर रहीं थीं। यहां वेटिंग एरिया और निगरानी कक्ष एक ही था। यही हाल सेंटर के 45 प्लस सेशन का था। यहां पर भी केवल दो ही लोग तैनात थे। एक वैक्सीनेटर वैक्सीन लगा रही थी और दूसरी रजिस्ट्रेशन और वेरीफायर का काम कर रही थी।

एईएफआई के लिए कोई मौजूद नहीं

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम इसके बाद सिकंदरा स्थित टीकाकरण केंद्र पर पहुंची। यहां पर टीकाकरण के दो सत्र चल रहे थे। पहले सत्र में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीका लगाया जा रहा था और दूसरे सत्र में 18 से 44 वर्ष के लोगों को टीका लगाया जा रहा था। यहां पर वैक्सीन लगाने से पहले कोविड जांच भी की जा रही थी। दोनों सेशन में वैक्सीनेशन किया जा रहा था। लेकिन इस सेंटर पर एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन (एईएफआई) के लिए कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। जबकि कोविड वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले स्वास्थ्य विभाग ने एईएफआई के लिए डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दी थी और प्रत्येक केंद्र पर एक एमबीबीएस डॉक्टर की तैनाती की थी।

यहां मिली व्यवस्था दुरुस्त

दयालबाग नगर पंचायत के कार्यालय में संचालित टीकाकरण केंद्र में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम जब यहां पहुंची तो यहां पर व्यवस्थाएं दुरूस्त मिलीं। यहां पर 18 से 44 वर्ष और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण अलग-अलग सत्र में किया जा रहा है। केंद्र के बाहर गार्ड भी तैनात हैं और वेरीफाई करने के लिए कर्मी भी तैनात है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का रजिस्ट्रेशन करने की भी यहां पर सुविधा उपलब्ध थी। एईएफआई के लिउ यहां पर केंद्र की प्रभारी डॉ। सुनीता सिंह भी मौजूद थीं।

ये कमियां आ रही सामने

-केंद्रों पर अव्यवस्था काफी हैं, लोगों को धूप में इंतजार करना पड़ता है

-कई केंद्रों पर बुजुर्गो का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता है

-कई केंद्रों पर वैक्सीन लगने के बाद कार्ड भी नहीं दिया जा रहा

-टीका लगने के बाद पैरासीटामोल की टेबलेट भी नहीं दी जा रही

ये होनी चाहिए व्यवस्था

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मानकों के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण टीम में पांच लोगों का होना आवश्यक है। पहला मेंबर पुलिस, होम गार्ड, सिविल डिफेंस में से कोई एक जो सेंटर पर आने वाले व्यक्ति की आईडी इत्यादि चेक करता है। दूसरा मेंबर कोविड एप पर लाभार्थी की जानकारी को वेरीफाई करता है। तीसरा व चौथा मेंबर ऑब्जर्वेशन रूम में लाभार्थी को 30 मिनट तक बैठाता है, उसका ब्योरा रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। लाभार्थी को यदि वैक्सीन लगने के बाद कोई परेशानी होती है तो तो एईएफआई के लिए बनाए गए केंद्र के नोडल को सूचित करता है। पांचवां मेंबर वैक्सीनेटर होता है जो लाभार्थी को वैक्सीन लगाता है।

सभी केंद्रों पर टीकाकरण की व्यवस्थाएं अच्छी तरह से संचालित की जा रही हैं। कुछ केंद्रों को व्यवस्थाएं अच्छी करने के लिए शिफ्ट भी किया गया है। जिन केंद्रों पर स्टाफ या अन्य कमी हैं उन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा।

-डॉ। आरसी पांडेय, सीएमओ

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अनलॉक में बढ़ीं मौतें, कोरोना के 22 नए केस

आगरा : अनलॉक में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की संख्या बढ़ रही है। गुरुवार को चार मरीजों की मौत हो गई। वहीं, 22 नए केस सामने आए हैं। जिले में कोरोना संक्रमित होने वालों की संख्या 25753 पहुंच गई है। गुरुवार को कोरोना संक्रमित चार मरीजों की मौत हुई है। जिले में अभी तक कोरोना संक्रमित 435 मरीजों की मौत हो चुकी है। एक से 10 जून तक कोरोना संक्रमित 20 मरीजों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को 22 नए केस सामने आए हैं। इस महीने कोरोना के 221 नए केस मिल चुके हैं। अब 238 सक्रिय केस हैं।

13 मरीज ठीक, 7489 के लिए गए सैंपल

कोरोना संक्रमित 13 मरीज ठीक हो गए हैं। अभी तक 25076 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं, गुरुवार को 7489 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए हैं।