आगरा। गांधी में विपरीत परिस्थितियों में सामंजस्य बैठाने का जबरदस्त साम‌र्थ्य था। जब तक हमारी सभ्यता में संघर्ष रहेगा, तब तक गाधंी के सिद्धान्त प्रासंगिक हैं। यह कहना है उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक रमेश चन्द दीक्षित का। वह 'महात्मा गांधी के विचार एवं वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसका आयोजन आगरा कॉलेज, आगरा के इतिहास विभाग एवं पत्रकारिता संकाय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।

हिंसा को एक्सपोज करो

उन्होंने आगे कहा कि गांधीजी कहते थे कि सत्य को देखो और जहां कहीं हिंसा हो तो उसे

'एक्सपोज' करो और फिर जितनी साम‌र्थ्य हो उसे 'अपोज' करो। फिर उसे 'ट्रांसफोर्म' करो। उन्होंने गांधीजी के तीन मंत्र 'किफायत की प्रवृत्ति', 'दयाभाव' व 'मानवता' की चर्चा करते हुए कहा कि गांधी ने इन बातों पर स्वयं क्रियान्वयन भी किया। गांधी दर्शन अपने युग में तो था ही, आज भी भारत के साथ संपूर्ण विश्व में प्रासंगिक है।

तभी आ सकेगी आर्थिक समृद्धि

समारोह की विशिष्ट अतिथि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने कहा कि आज हम सत्य, अहिंसा और शराबबंदी को भूल रहे हैं। जबकि गांधीजी ने सर्वाधिक जोर इसी पर दिया था। उन्होंने कहा कि देश में गांधीजी के ग्रामोद्योग की परिकल्पना से ही आर्थिक समृद्धि का सपना साकार हो सकेगा। इससे पूर्व समापन समारोह में अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्र”वलित किया।

80 शोध-पत्र प्रस्तुत किए

मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ। अमित अग्रवाल के अनुसार सेमिनार में कुल 450 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। सेमिनार के दूसरे दिन कुल दो तकनीकी सत्र चले, जिनमें 80 शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि व प्रिंसिपल डॉ। विनोद कुमार माहेश्वरी ने सेमिनार की ई-सोवेनियर को भी लॉन्च किया, जिसमें डॉ। गौरांग मिश्रा, डॉ। विश्वकान्त, डॉ। आशीष कुमार व डॉ। उमेश शुक्ला का विशेष योगदान रहा। डॉ। पियूष चौहान, डॉ। बीआर आम्बेडकर विवि के डॉ। यूएन शुक्ला, संयोजक डॉ। अनुराग पालीवाल, इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ। वाईएन त्रिपाठी, सेमिनार के सहसंयोजक डॉ। अमी आधार निडर, डॉ। रचना सिंह, डॉ। आरके सिंह, डॉ। पीवी झा, डॉ। सीके गौतम, डॉ। भूपेन्द्र चिकारा, डॉ। गीता माहेश्वरी, डॉ। संजय शर्मा, डॉ। अंशू चौहान, डॉ। विक्रम सिंह, डॉ। महादेव सिंह, डॉ। चन्द्रशेखर शर्मा, डॉ। विवेक भटनागर, डॉ। सरोज कुमार, डॉ। अमरनाथ, डॉ। राजेश जौहरी, डॉ। दिग्विजय पाल सिंह आदि मौजूद रहे।