आगरा : शहर की सीवर व्यवस्था वबाग कंपनी को सौंप दी गई है। लेकिन फिर भी हालात में सुधार नहीं है। जगह-जगह उफनाते सीवर लोगों का जीना मुहाल कर रहे हैं, जब वबाग कंपनी को सीवर व्यवस्था की कमान सौंपी गई थी, उस दौरान बडे-बड़े दावे किए गए थे, कि सीवर की सफाई हाईटेक मशीनों से होगी। लेकिन हकीकत ये है कि कंपनी के पास जरूरी उपकरण तक उपलब्ध नहीं हैं।
ये किया गया था दावा
- नाले या सीवर में रस्सी के सहारे सफाई कर्मचारी को ऑक्सीजन मॉस्क लगाकर उतारा जा सकेगा।
- मशीन से अंदर नाले में ऑक्सीजन भेजी जा सकेगी।
- सीवर या नाले में जो भी होगा उसे कैमरे के जरिए मॉनीटर पर देखा जा सकेगा।
- पाइप से नाले की सिल्ट को खींचकर टैंक में भरा जा सकेगा।
- किसी भी प्रकार की संवेदनशील या इमरजेंसी होने पर सफाई कर्मचारी को तुरंत बाहर निकाला जा सकेगा।
इतने हैं नाले
कुल नाले 441
बड़े नाले 31
छोटे नाले 399
अंडरग्राउंड नाले 16
नोट: हर वर्ष नालों की सफाई पर खर्च होता है एक करोड़ से भी ज्यादा का बजट
9.71 करोड़ से 1472 मी। सीवर लाइन भगवान टॉकीज पर बिछाई जा रही है।
- सीवरेज नेटवर्क
सीवरेज जोन कुल नेटवर्क किमी। में
नॉर्थन जोन 108.55 किमी।
वेस्ट जोन 155.40 किमी।
साउथ जोन थर्ड 1.40 किमी।
साउथ जोन सेकेंड 63.00 किमी।
ईस्ट जोन 41.23 किमी।
ताजगंज जोन 142.04 किमी।
सेंट्रल जोन 70.72 किमी।
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कुल 582.34 किमी।
ऐसे संभलेगा सीवर और नाला
शहर में वबाग कंपनी से करार की अंतिम स्टेज पूरी होने के बाद कंपनी शहर में सीवर सफाई, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स के संचालन व नई सीवर लाइन डालने की व्यस्था, एसटीपी व इससे संबंधित मेन पंपिंग स्टेशन, इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन, सीवरेज पंपिंग स्टेशन, नाला-टैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तथा सीवरेज नेटवर्क के संचालन की पूरी जिम्मेदारी संभालेगी।
- 10 वर्ष के लिए करार
- 910 किमी। सीवर लाइन
- 7 एसटीपी प्लांट
- 28 पंपिंग स्टेशन
- 42 करोड़ 80 लाख एक वर्ष में खर्च होंगे