प्रयागराज ब्यूरो । को दस लाख रुपये का चूना लगा दिया। साइबर ठग ने ट्रेजरी अफसर बनकर रिटायर्ड हेड कांस्टेबिल को फोन किया था। रिटायर्ड हेड कांस्टेबिल को ठगे जाने का एहसास तब हुआ जब एकाउंट से दस लाख रुपये गायब हो गए। मामला साइबर थाने पहुंचा तो पुलिस एक्टिव हुई। साइबर थाने की पुलिस ने फर्जी ट्रेजरी अफसर को गिरफ्तार किया है। फर्जी ट्रेजरी अफसर को कोलकाता से पकड़ कर लाया गया है। उसके साथियों की तलाश चल रही है।

पेंशन के लिए किया फोन
पुलिस विभाग के एक रिटायर्ड हेड कांस्टेबिल शिवभवन मिश्रा प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। उनके पास करीब छह माह पहले फोन आया। कॉलर ने खुद को ट्रेजरी अफसर बताया। कॉलर ने कहा कि आपकी पेंशन को ऑन लाइन करने के लिए कुछ डिटेल लेनी है। इसके बाद कॉलर ने कई सवाल किए। जिसका जवाब देने के बाद शिवभवन के मोबाइल पर एक ओटीपी आया। कॉलर ने ओटीपी पूछी। ओटीपी की जानकारी देने के बाद शिवभवन ने मोबाइल काट दिया। कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर मैसेज आने लगा। मैसेज देखने के बाद उन्हें पता चला कि एकाउंट से नौ लाख तिरानवे हजार रुपये कट गए हैं।
साइबर थाने में की शिकायत
शिवभवन मिश्रा ने साइबर थाने में मामले की शिकायत की। साइबर थाने की टीम ने जांच शुरू की। पता चला कि मोबाइल नंबर बिहार का है। इसके बाद साइबर टीम ने सारी डिटेल जुटाई। डिटेल मिलने के बाद साइबर थाने की टीम सिपाही लोकेश पटेल, सिपाही अतुल त्रिवेदी, सिपाही रणवीर सिंह सेंगर, सिपाही रुप सिंह, सिपाही अनुराग यादव, सर्विलांश सेल के आमोद कुमार ने इंस्पेक्टर राजीव के नेतृत्व में कोलकाता में दबिश दी। पुलिस टीम ने फर्जी ट्रेजरी अफसर बनकर फोन करने वाले शंकर कुमार निराला को गिरफ्तार कर लिया। शंकर कुमार बिहार के नेवादा जिले के मीरबीघा का रहने वाला है।

पांच ग्रुप में करते हैं काम
पुलिस टीम शंकर कुमार को पकड़कर प्रयागराज लाई। पूछताछ में शंकर ने बताया कि वह लोग पांच ग्रुप में काम करते हैं। एक ग्रुप का काम मोबाइल सिम उपलब्ध कराना है। ये गु्रप पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, कर्नाटक, तमिलनाडू से सिम लाकर मुहैया कराती है। दूसरे गु्रप का काम लोगों को फोन करना है। तीसरे गु्रप का काम बैंक एकाउंट की व्यवस्था करना है। यह गु्रप कई एकांउट से ठगी की रकम ट्रांसफर करता है। ताकि आसानी से पुलिस पकड़ न सके। चौथा ग्रुप एकाउंट से एटीएम के जरिए रुकम निकालता है। सभी को इसके लिए कमशीन मिलता है। पांचवा ग्रुप सभी को उनके काम गाइड करता है। पूछताछ में शंकर ने बताया कि वह लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम पर इन्सटैंट लोन देने के नाम पर भी ठगी करते हैं।


1 एन्ड्रायड मोबइल फोन बरामद।
11 बैंकों के पास बुक मिले।
5 बैंकों की चेकबुक मिली।
15 बैंकों के एटीएम कार्ड मिले।
7 सिम कार्ड बरामद।
1 वाईफाई राउटर मिला।


फर्जी ट्रेजरी अफसर बनकर शंकर कुमार ने नवादा जिले से फोन किया था। इसके बाद जब एकाउंट से रकम ट्रांसफर हो गई तो उसे कोलकाता से निकाला गया। छह महीने से इस मामले की जांच चल रही थी, इस मामले में कई लोग शामिल हैं। एक आरोपित को पकड़ा गया है। इस गैंग के सरगना की तलाश चल रही है।
- राजीव तिवारी
इंस्पेक्टर, साइबर सेल