आगरा : नवरात्र के बाद शरद पूर्णिमा को लेकर भी उलझन रही। शुक्रवार शाम से पूर्णिमा तिथि लगने पर बहुत से श्रद्धालुओं ने शरद पूर्णिमा शुक्रवार को मनाई। भगवान श्रीकृष्ण का पूजन किया गया। उन्हें खीर का भोग लगाया गया। उदया तिथि के अनुसार पर्व मनाने वाले शनिवार को शरद पूर्णिमा मनाएंगे।

शरद पूर्णिमा अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था। शुक्रवार शाम से पूर्णिमा तिथि शुरू हो गई जो शनिवार तक रहेगी। रात में पूजन होने के चलते बहुत से लोगों ने शुक्रवार को ही शरद पूर्णिमा मना ली। श्याम जी मंदिर, छीपीटोला में शुक्रवार को शरद पूर्णिमा मनाई गई। श्याम जी का आकर्षक श्रृंगार मोतियों से किया गया। पुजारी ने ही पूजन किया। मथुरेश जी मंदिर, यमुना किनारा रोड में भी शुक्रवार को शरद पूर्णिमा मनाई गई। ठाकुर जी को सफेद पोशाक पहनाई गई और खीर का भोग लगाया गया। उदया तिथि के अनुसार पर्व मनाने वाले शनिवार को शरद पूर्णिमा मनाएंगे। राधाकृष्ण मंदिर, नेहरू नगर में शनिवार को ही शरद पूर्णिमा मनाई जानी है।

ज्योतिषाचार्य पं। चंद्रेश कौशिक ने बताया कि शुक्रवार शाम 5:46 बजे से पूर्णिमा शुरू हो गई, जो शनिवार रात 8:19 बजे तक रहेगी। शनिवार को प्रदोष काल के बाद पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी। शनिवार को दिन में कभी भी सत्यनारायण भगवान की पूजा की जा सकती है। इस बार शरद पूर्णिमा पर अमृतसिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य शिल्पा जैन ने बताया कि मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। शुक्रवार महालक्ष्मी का दिन होने से महालक्ष्मी पूजन का महत्व अधिक रहा।