-पापा ललित को याद कर फफक-फफक रोने लगी धौर्या

-मासूम बच्ची को रोता देख आसपास के लोग भी हुए भावुक

आगरा। अयोध्या सरयू नदी के गुप्तार घाट पर डूबे पिता ललित को सात वर्षिय बेटी धौर्या बार-बार यादकर रोने लगी। शास्त्रीपुरम ए ब्लॉक परिवार के साथ शनिवार शाम घर पहुंची धौर्या ने पापा को इधर-उधर देखना शुरू किया, जब वह नहीं मिले तो पापा को बुलाने की जिद कर रोने लगी।

बच्ची को बताया कि ललित पहुंच चुके हैं घर

गुप्तार घाट पर रेस्क्यू कर धौर्या को बचा लिया गया। लेकिन उसके पापा ललित तेज बहाव में बह गए। बाद में गोताखोरों ने उनको निकाला। गुप्तार घाट पर बेटी धौर्या हादसे के बाद पापा से मिलने की जिद करने लगी, इस पर परिजनों ने बताया कि वह आगरा शास्त्रीपुरम पहुंच चुके हैं। शाम को जब धौर्या को उसके पापा ललित नहीं मिले तो उसने पापा को बुलाने की जिद कर रोना शुरू कर दिया। मेरे पापा को बुलाओ अब वो कैसे आएंगे?, आसपास खड़े लोगों ने बेटी को समझाने का प्रयास कि या, लेकिन वह समझ चुकी थी कि अब उसके पापा इस दुनिया में नहीं हैं।

तेज बहाव से उखड़े पैर और बह गई: आरती

शास्त्रीपुरम घर पहुंचते ही परिवार के सभी लोग एक दूसरे से लिपट कर रोने लगे। उस समय को कोसने लगे जब वह घर से निकले थे। अशोक की बेटी आरती ने बताया कि मेरे दोनों भाई और मां राजकुमारी तेज बहाव में बह गई, उस दौरान वह भी बचाने को पानी में उतरी थीं, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण उनके पैर उखड़ने लगे और वह कई किलो मीटर दूर चली गई। बाद में उनको रेस्क्यू किया गया।

हम सब को वापस लेकर आएंगे: नमन

अशोक गोयल की पुत्री आरती और उनके बेटे नमन को रेस्क्यू कर लिया गया है। जबकि बेटी प्रियांशी की मौत हो गई। अपने नाना के घर पहुंचने पर नमन ने घर में अंदर जाने से इंकार कर दिया और सभी को वापस लाने के लिए जाने लगा। तभी संवेदना व्यक्त करने पहुंचे लोगों ने उसको रोक कर समझाने का प्रयास किया, लेकिन उसने अपनी आंखों के सामने अपनी बहन और मामा, नानी को डूबते देखा था, उसको यकीन नहीं हो रहा था कि अब वह कभी नहीं आएंगे।

12 बजे पहुंचे सात शव, अंत्येष्टि का इंतजाम

सरयू नदी में डूबने से सात लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अभी लापता हैं। अशोक गोयल के नजदीकी सुबवीर ने बताया कि हादसे में मृत लोगों की बॉडी पांच बजे अयोध्या से रवाना कर दी गई। वहीं परिवार के जीवित सदस्य शाम छह बजे पहुंच गए। अयोध्या से सात बॉडी आने से पहले स्थानीय लोगों और रिश्तेदरों ने सोलह वर्फ की सिल्ली, शव को रखा जाएगा। वहीं शवों को अलग-अलग स्थानों पर ले जाने के इंतजाम भी किए हैं। जिसमें अशोक गोयल की बेटी नामनेर, सिकंदरा और शास्त्रीपुरम में रहती हैं। वहां शवों को पहुंचाने के इंतजाम किए हैं।

आज सुबह होगा अंतिम संस्कार

सरयू नदी में मृत लोगां की अंत्येष्टि के इंतजाम किए गए हैं, परिजनों ने बताया कि रात होने पर सुबह ही शवों का अंतिम संस्कार कराया जाएगा। जिसको लेकर आसपास के लोगों ने इंतजाम किए हैं।

शवों को लेकर सभी इंतजाम किए गए हैं। नामनेर और सिकंदरा में भी शवों को भेजने के लिए वाहनों के इंतजाम किए हैं। रात बारह बजे तक शवों को लाया जा सकता है।

केएम सिंघल

सबसे पहले हादसे की जानकारी मुझे हुई थी, वहीं पुलिस के आने पर मैने बताया कि इस समय परिवार में एक विकलांगबेटा पदमेश है। उनको घटना की जानकारी दी गई।

सुभम गौतम

हादसे से आसपास के घरों में शोक का माहौल है, पिछले चौबीस घंटे में किसी के घर भी खाना नहीं बना है। अशोक गोयल के परिवार में दो बेटे नहीं रहे।

हरिओम

शाम होते ही परिवार के सदस्य एक दूसरे से घंटो बैठकर बात करते थे, राजकुमारी अप्रैल से अयोध्या जाने की बात कर रहीं थीं।

कमलेश

गोयल फैमली में सभी का व्यवहार बहुत अच्छा था, आसपास किसी को अगर कोई परेशानी होती है तो पूरा परिवार सहयोग करता था।

वरुण सक्सेना