- हादसे की खबर सुनकर बच्चे और बुजुर्गो के नहीं थम रहे थे आंशु

- देर-शाम टैक्सी से अयोध्या रवाना हुए रिश्तेदार, आसपास के लोग

आगरा। अयोध्या के सरयू नदी में लोगों के डूबने की सूचना मिलते ही शास्त्रीपुरम के ए ब्लॉक निवासी ब्रजेश गोयल ने टीवी ऑन की। उनके एक हाथ में मोबाइल और दूसरे में टीवी का रिमोट था। वह चैनल बदल रहे थे, सोशल मीडिया खंगाल रहे थे। उनकी चिंता बढ़ती जा रही थी। नदी में डूबने से परिवार के छह लोगों की मौत और तीन के लापता की जानकारी होते ही घर में चीख-पुकार मच गई। पड़ोसियों के भी आंसू नहीं थम रहे थे।

इधर घटना की जानकारी होने पर आसपास के लोगों को उनके घर जमाबड़ा लग गया। वहीं पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

शास्त्रीपुरम के ए ब्लॉक में अशोक गोयल का निवास है। वह परिवार के 15 सदस्य समेत गुरुवार को अयोध्या गए थे। घर पर अशोक के छोटे बेटे ब्रजेश गोयल अपनी पत्नी और बेटी के साथ रह गए थे। ब्रजेश दिव्यांग हैं। दोपहर में जैसे ही गोयल परिवार के नदी में डूबने की खबर टीवी चैनल पर पब्लिक हुई पड़ोसियों ने घर पहुंच ब्रजेश को जानकारी दी। ब्रजेश ने फोन लगाया, लेकिन किसी का नहीं उठा। ब्रजेश परिवारीजनों की खैरियत जानने के लिए टीवी के सामने बैठ गए। सोशल मीडिया पर सामने आ रही जानकारियों का खंगालने लगे। वह बस भगवान से प्रार्थना कर रहे थे सभी परिवारीजन ठीक हों।

अकसर घूमने जाते थे

अयोध्या जाने से पहले अशोक पड़ोसी सुखवीर से कह गए थे कि शुक्रवार तक वापस आएंगे। परिवार का ध्यान रखना। इस पर सुखवीर ने कहा कि एक गाड़ी में इतने लोग कैसे आएंगे। इस पर बताया कि दामाद अपनी गाड़ी लेकर आ रहे हैं। इस तरह दो गाडि़यों में आराम से तीर्थ कर सकेंगे। वहीं सुखवीर ने बताया कि सतीश (अशोक के दामाद) अपने परिवार के साथ अकसर घूमने जाते थे। उनका सिकंदरा फ्लाईओवर के पास दौने-पत्त्तल की दुकान है। वहीं सब्जी मंडी में आढ़तिया का काम है।

सोशल मीडिया से लेते रहे अपडेट

जिसने भी गोयल परिवार के साथ हुए हादसे की सुनी, उनके घर पहुंच गया। मोबाइल पर पल-पल की अपडेट लेते रहे। पता लगाने में जुट गए कि रेस्क्यू ऑपरेशन की क्या स्थिति है। रात तक पड़ोसियों के साथ बड़ी संख्या में रिश्तेदार भी घर पर थे।

शास्त्रीपुरम में मासूम भी हुए भावुक

परिजनों का रो-रोकर तो बुरा हाल था। ब्रजेश की पत्नी को पड़ोसी महिलाएं किसी तरह संभाल रहीं थी। लेकिन पड़ोसी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। इस दौरान आस पड़ोस में रहने वाले वह बच्चे भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे, जिनका गोयल परिवार के घर आना जाना था।

दो घंटे घूमती रही सिकंदरा पुलिस

एक बजे हादसे की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी अलर्ट हो गए। थाना प्रभारी कमलेश कुमार फोर्स के साथ चार बजे मौके पर जाने के लिए निकले, लेकिन सही पता नहीं मिलने पर वह एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक के चक्कर लगाते रहे। दो घंटे बाद वह गोयल परिवार के घर पहुंच सके।

गोयल फैमिली के लोग एक दशक पूर्व रावतपाड़ा में रहते थे। जहां से एक परिवार शास्त्रीपुरम के ए ब्लॉक में शिफ्ट हो गया। सिकंदरा फ्लाईओवर के पास उनकी एक दुकान है।

शिव सिंह, पड़ोसी

परिवार में सभी का व्यवहार बहुत अच्छा था। राजकुमारी पिछले रविवार को बोल रहीं थी कि वह परिवार के साथ अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने का प्लान है।

अंजलि अग्रवाल, पड़ोसी

सतीश गोयल से रोजाना सुबह बात होती थी। अकसर कहा करते थे कि परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा कर लिया है, अब तो अब ईश्वर का भजन करना है। अक्सर तीर्थ स्थानों की चर्चा करते थे।

ओमप्रकाश, पड़ोसी

घर के सामने आसपास के सभी बच्चे सुबह और शाम को खेलते थे। सभी बच्चों से बहुत प्यार करते थे, कोरोना के चलते भी सावधानी रखने की नसीहत देते थे।

गौरव, पड़ोसी।