आगरा। कोरोना काल में जहां प्राइवेट हॉस्पिटल्स में सेवाएं बाधित थीं, उस दौरान शहर के सरकारी अस्पतालों ने नजीर पेश की है। ऐसी ही नजीर पेश की है लेडीलॉयल यानि जिला महिला अस्पताल ने। यहां पर एक अप्रैल से लेकर अब तक आठ हजार प्रेगनेंट महिलाओं की डिलीवरी कराई गई है।

जब इलाज मिलना भी हुआ मुश्किल

कोरोनावायरस ने जब दस्तक दी तो मेडिकल फैसिलिटीज बुरी तरह से प्रभावित हुईं। इसमें सबसे ज्यादा प्राइवेट मेडिकल सुविधाएं प्रभावित हुई। उस दौरान पेशेंट्स को इलाज मिलना भी मुश्किल हो रहा था। इस परिस्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी का सबब प्रेगनेंट महिलाओं के लिए था। प्रेगनेंट महिलाएं कहां पर डिलीवरी कराएं ये उनके लिए चुनौती था। इस दौरान लेडीलॉयल (महिला जिला अस्पताल) ने मोर्चा संभाला और प्रेगनेंट महिलाओं को अच्छी सुविधाएं दीं। देश में लॉकडाउन 23 मार्च से लगा था। एक अप्रैल से लेकर नवंबर तक लेडी लॉयल में 8 हजार प्रेगनेंट महिलाओं की डिलीवरी की गई। लेडीलॉयल की चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ। कंचन अग्रवाल ने बताया कि हमारी टीम लगातार काम कर रही है। इस दौरान सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। इसके साथ सभी पेशेंट्स को सही समय पर इलाज मिले, इसे सुनिश्चत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से अब तक लेडीलॉयल में 8 हजार महिलाओ की डिलीवरी हुई है। इसमें 5524 महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी हुई और 2480 महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी की गई।

मरीजों को दवाएं भी दी जा रहीं

सीएमएस कंचन अग्रवाल ने बताया कि लेडीलॉयल में महिलाओं के इलाज के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है। ऑपरेशन के बाद दवाएं भी पेशेंट्स को उपलब्ध कराई जा रही हैं। कोई भी दवा बाहर से नहीं मंगाई जा रही। उन्होंने बताया कि इस दौरान हमारे ऊपर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यह है कि हम इलाज के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव का भी ध्यान रखें। इसके लिए हम सभी सुरक्षा के इंतजामों का पालन करते हैं। हॉस्पिटल में भी वार्ड में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दौरान पेशेंट्स को कोविड से बचाव के लिए मास्क और सेनेटाइजर भी दिया जा रहा है। ताकि सभी कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के साथ इलाज हो सके।

वर्जन

लेडीलॉयल में एक अप्रैल से अब तक 5524 नार्मल और 2480 महिलाओं की ऑपरेशन से डिलीवरी कराई गई है। इस मेहनत का श्रेय डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को जाता है।

-डॉ। कंचन अग्रवाल, सीएमएस, लेडीलॉयल