- एसएन का महिला एवं प्रसूति रोग विभाग भी हुआ है लेडी लॉयल में शिफ्ट

- न मास्क, न सोशल डिस्टें¨सग, लोगों का लगा मिला जमघट

आगरा। आगरा के लेडी लॉयल अस्पताल (जिला महिला चिकित्सालय) में इस वक्त नंबर ऑफ पेशेंट्स का भार बढ़ गया है। इसके पीछे का कारण है कोरोनावायरस अलर्ट के कारण लगा लॉकडाउन और उससे सामने आईं अन्य परिस्थितियां। सिटी में प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कोरोनापॉजिटिव पेशेंट्स मिल चुके हैं, और उन पर एहतियातन प्रशासन द्वारा सील लगा दी गई है। इसके अलावा केवल कुछ हॉस्पिटल्स में ही पेशेंट्स को एडमिट किया जा रहा है।

नहीं हो रहा सोशल डिस्टें¨सग का पालन

जिला महिला चिकित्सालय (लेडी लॉयल) के 100 बेड मैटरनिटी ¨वग में अंदर प्रवेश करते ही वे¨टग एरिया में तीमारदारों का जमघट लगा हुआ था। यहां पर कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में कोई सोशल डिस्टें¨सग जैसी चीज नजर नहीं आ रही थी। इसके बाद अंदर प्रवेश करने पर लेबर रूम की ओर जाने वाले गलियारे में महिलाओं का जमघट लगा था। कई महिलाएं जमीन पर बैठी हुई थीं। कुछ महिलाओं के हाथ में नवजात बच्चे थे। अनजाने वे इस नवजात के लिए खतरा भी बन रही थीं। वे न तो मास्क पहने हुई थीं और न ही कोरोनावायरस से बचने के लिए कोई और प्रिकॉशन अपना रही थीं। यदि यहां पर किसी व्यक्ति में कोरोनावायरस का संक्रमण निकलता है तो यह पूरे अस्पताल में मौजूद लोगों और नवजात बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

सुरक्षा के नहीं इंतजाम

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब गलियारे से अंदर एक कमरे में प्रवेश किया तो वहां पर दो डॉक्टर बैठे हुए थे और कुछ स्टाफ नर्स की आवाजाही चल रही थी। सभी मास्क पहने हुए थे। वे लोग शायद किसी पेशेंट के इलाज के लिए जा रही थीं। डॉक्टर से बात करने पर उन्होंने कहा कि यहां पर पिछले कुछ दिनों में पेशेंट्स का भार बढ़ गया है। यहां पर पहले की अपेक्षा अब पेशेंट्स की संख्या दोगुनी हो गई है। कभी-कभी ये संख्या काफी ज्यादा हो जाती है। वहां मौजूद डॉक्टर ने बताया कि यहां पर सुरक्षा के कोई अतिरिक्त इंतजाम नहीं हैं। यहां पर लोग आकर हमें पूरी तरह से घेर लेते हैं। काफी समझाने पर भी ये लोग दूर नहीं जाते हैं। सोशल डिस्टें¨सग के बारे में इन्हें बताओ तो मानते नहीं हैं। वे कहते हैं यहां पर कुछ सुरक्षाकर्मी होने चाहिए जो इन लोगों को दूर कर सकें और अस्पताल के भीतर लिमिटेड लोगों का ही प्रवेश हो सके। इससे यहां मौजूद स्टाफ सहित डॉक्टरों में भय व्याप्त है। वहां मौजूद डॉक्टर्स ने कहा कि उनकी भी कोरोना जांच होनी चाहिए। वे डेली कई महिलाओं की डिलीवरी कर रहे हैं। रिपोर्टर ने पूछा कि आप ¨सपटम्स वाले मरीजों को भी एडमिट करते हैं। तो इस पर वे बोले कि मरीज इमरजेंसी में अपनी अन्य परेशानियों को छुपा भी लेते हैं और इस वक्त तो अ¨सप्टोमेंटिक पेशेंट्स भी बढ़ी संख्या में मिल रहे हैं। लेडी लॉयल में एक अन्य डॉक्टर पहचान छिपाने की शर्त पर बताते हैं कि पिछले कुछ समय से मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि हमें जमीन पर भी डिलीवरी करानी पड़ती है। वे बताते हैं कि लेडी लॉयल में एसएन मेडिकल कॉलेज का भी महिला एवं प्रसूति रोग विभाग का भार यहीं पर आ गया है। हालांकि वहां का स्टाफ भी यहीं पर है लेकिन उसमें भी काफी स्टाफ तो आइसोलेशन वार्ड में लगा हुआ है। इसके अलावा यहां पर तो पहले जितना ही इंफ्रास्ट्रक्चर है और मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

शनिवार को हॉस्पिटल ने किया था रिकॉर्ड कायम

25 अप्रैल को जिला महिला चिकित्सालय (लेडी लॉयल) में एक अनूठा रिकॉर्ड बना। यहां पर एक दिन में 154 बच्चों की डिलीवरी हुई। इसमें 86 सिजेरियन डिलीवरी हुईं और 68 नॉर्मल डिलीवरी हुई। सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर अस्पताल में पहली डिलीवरी हुई थी। इसके बाद लगातार लेबर पेन वाली महिलाएं आती रहीं और डिलीवरी होती रहीं। हॉस्पिटल स्टाफ दिनभर इसमें तत्परता के साथ लगा रहा। देर रात 11 बजकर 40 मिनट पर आखिरी बच्चे ने जन्म लिया।

20 से 25 डिलीवरी होती हैं आमदिनों में

35 से 40 डिलीवरी हो रही हैं अब

वर्जन

लेडी लॉयल में डेली प्रेगनेंट महिलाओं की डिलीवरी हो रही है। यहां पर सोशल डिस्टेंस या अन्य कोई समस्या है तो इस पर संज्ञान लिया जाएगा।

-डॉ। मुकेश कुमार वत्स, सीएमओ