- मैनुअल शपथ पत्र के भी पब्लिक से वसूले जा रहे तीन गुना रुपए

- सिस्टम सर्वर डाउन होने पर घंटों करना पड़ता है इंतजार

आगरा। एक ओर ई-स्टांपिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर स्टांप वेंडर तय कीमत से चार गुना अधिक रुपए वसूल रहे हैं। इससे आम लोग परेशान हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने दीवानी में पड़ताल की तो कोई वेंडर मैनुअल स्टांप बेचता नजर आया, तो कोई 10 रुपए के स्टांप के लिए 40 रुपये चार्ज कर रहा था।

ई-स्टांप के रेट देख, मैनुअल के रेट बढ़े

डिजिटल इंडिया के अंतर्गत स्टांप प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। अब कचहरी में ई-स्टांप खरीदने वालों को एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। जबकि इससे पहले सीधे स्टांप वेंडर को रुपये देने के बाद स्टांप खरीदा जाता था, जिसकी रजिस्टर में एंट्री की जाती है। वहीं ई-स्टांप की खरीद के लिए कं प्यूटर सिस्टम में फीडिंग की जाती है, जिसमें खरीदार का नाम, पता, आधार कार्ड, पैन नंबर भी लिया जाता है। 10 रुपए के स्टांप खरीद पर 40 रुपए वसूल किए जाते हैं। ई-स्टांप के रेट बढे़ देखकर मैनुअल के भी रेट बढ़ाकर 30 रुपए कर दिए गए हैं।

मैनुअल वेंडर से बातचीत

रिपोर्टर: एक दस रुपए का स्टांप है आपके पास?

वेंडर: मिल जाएगा, लेकिन तीस रुपए का है।

रिपोर्टर: तीस रुपए का क्यों।

वेंडर: कहीं स्टॉक में भी नहीं होगा। पुराना स्टॉक है मेरे पास।

रिपोर्टर: कोई फर्जीवाड़ा तो नहीं होगा।

वेंडर: नहीं सब ऐसे ही ले जाते हैं, नए स्टॉक में आपको महंगा पड़ेगा।

रिपोर्टर: पर सरकार तो एक प्रतिशत कमीशन देती है इस पर।

वेंडर: ई-स्टांप 30 रुपए का ही मिलेगा आपको।

रिपोर्टर: मैनुअल की एंट्री करोगे रजिस्टर में।

वेंडर: वो हमारा काम है, आपको लेना है तो बताएं।

ई-स्टांप वेंडर से बातचीत

रिपोर्टर: ई-स्टांप चाहिए दस रुपए का।

वेंडर: मिल जाएगा, लेकिन अभी सर्वर डाउन है।

रिपोर्टर: ठीक है, कितने रुपए का है।

वेंडर: 10 वाला 40 रुपए का है।

रिपोर्टर: इतना महंगा क्यों दे रहे हैं,

वेंडर: पड़ता नहीं खाता। इंक और कागज बेहतर क्वालिटी का है।

रिपोर्टर: कमीशन भी तो मिलता है।

वेंडर: हां, लेकिन बहुत कम है, अधिकतर लोग मैनुअल ही मांगते हैं।

रिपोर्टर: ऐसा क्यों?

वेंडर: ई-स्टांप में सर्वर की दिक्कत रहती है। वहीं आईडी भी कुछ ग्राहक साथ नहीं रखते हैं।

वेंडर: बड़े स्टांप टाइप करने में डर लगा रहता है, प्रिंट निकालने से पहले कई बार चेक करना होता है, जबकि मैनुअल में ऐसा नहीं है।

वर्जन

ई-स्टांप प्रक्रिया को पेपर वर्क कम करने और पब्लिक की सुविधा के लिए किया गया था, लेकिन वर्तमान में सर्वर डाउन के साथ टाइपिंग की समस्या है। रेट भी तय मानक से बहुत अधिक हैं। पब्लिक की सुविधा के लिए मैनुअल स्टांप की बिक्री भी शुरू होनी चाहिए।

रवि चौबे, वकील

कहां कितने ई-स्टांप संग्रह केन्द्र

तहसील का नाम ई-स्टाम्प संग्रह सेंटर

सदर 14

खेरागढ़ 4

फतेहाबाद 2

बाह 1

- अभी तक 19 बैंक को ई-स्टांप के लिए इंटीग्रेटेड किया जा चुका है।

- जिले में 10 स्टाम्प रजिस्ट्री कार्यालय हैं।

5 स्टांप रजिस्ट्री कार्यालय सदर तहसील में हैं

- किरावली

- फतेहाबाद

- बाह

- एत्मादपुर

- खेरागढ़

सही कीमत

स्टांप कीमत

10 रुपए 10 रुपए

वर्जन

इस प्रकार का मामला जानकारी में नहीं है। अगर कोई कंप्लेन करता है तो इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित रेट से ज्यादा का नहीं बेचा जाना चाहिए। इसमें वेंडर को उसके एकाउंट में कमीशन पहुंचता है।

योगेन्द्र कुमार, एडीएम फाइनेंस

वर्जन

ये गलत है। इस प्रकार की कंप्लेन मिलने पर कार्रवाई की जाती है। शिकायत मिलने पर एडीएम फाइनेंस लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई करते हैं। हालांकि अब शासन इसके लिए प्रिंट से निकालने की व्यवस्था कराने जा रहा है। इस पर विचार चल रहा है।

एमके सक्सेना, डीआईजी स्टांप