आगरा (ब्यूरो)। मंगलवार सुबह धुंध छाई, लेकिन सूर्योदय होने के बाद धुंध से राहत मिली। दोपहर में धूप रही। शाम होते होते फिर से धुंध के पार्टिकल्स ने शहर को अपने आगोश में ले लिया। मंगलवार को मैक्सिमम टेम्प्रेचर 31.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री कम था। वहीं मिनिमम टेम्प्रेचर 17.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

हवा में नहीं हुआ सुधार
शहर की हवा में सुधार नहीं हुआ है। सोमवार को जहां एक्यूआई लेवल 213 था, वहीं मंगलवार को बढ़कर 220 पहुंच गया। इस कारण लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिली।

-पंकज भूषण : एक्यूआई बढऩे के पीछे कई कारण हैं। मौसम में बदलाव भी प्रमुख वजह है। लेकिन शहर में एयर क्वॉलिटी को कंट्रोल करने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। नगर निगम की ओर से लगातार सड़क पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।


डॉ। जेपी गुप्ता: पश्चिमी विक्षोभ पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। इस कारण बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं।

220 पिछले 24 घंटे में शहर का एक्यूआई
अधिक प्रदूषित तत्व:: पीएम 2.5

6 मॉनिटरिंग स्टेशन शहर में
मनोहरपुर
संजय प्लेस
आवास विकास
रोहता
शाहजहां गार्डन
शास्त्रीपुरम

शहर के क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर
मनोहरपुर: 175
रोहता::216
संजय प्लेस::243
आवास विकास::248
शाहजहां गार्डन:::233
शास्त्रीपुरम::124


वायु प्रदूषण बढऩे के कारण
- हर दिन कूड़े का जलना
- खोदाई स्थल के पास ङ्क्षवड ब्रेङ्क्षकग वाल यानी बेरीकेङ्क्षडग न करना
- हरा पर्दा न लगाना
- खोदाई स्थल के पास की सड़कों की रात में धुलाई करना
- एंटी स्मॉगगन का प्रयोग न करना
- हवा की गति कम होना
- बादलों का होना
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ये कदम उठाने की है जरूरत
- खोदाई स्थल के पास एक से दो एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल करना। इससे अति सूक्ष्मकण और सूक्ष्म कण जमीन पर बैठ जाएंगे।
- कूड़ा न जले, इसके लिए नगर निगम को सख्त कठम उठाना चाहिए। कूड़ा जलाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
- खोदाई स्थल के पास अनिवार्य रूप से ङ्क्षवड ब्रेङ्क्षकग वाल होनी चाहिए।
- खोदाई स्थल के पास अनिवार्य रूप से हरा पर्दा लगा होना चाहिए।
- रात में सड़कों और पेड़ों की धुलाई होनी चाहिए।
- खोदाई स्थल के आसपास नियमित अंतराल में पानी का छिड़काव होना चाहिए।

अब दस तक छाए रहेंगे बादल, बूंदाबांदी के हैं आसार
पश्चिमी विक्षोभ के चलते दस नवंबर तक बादलों का डेरा रहेगा। इससे दिन के तापमान में एक से दो डिग्री से। की बढ़ोतरी होगी जबकि शाम को नमी अधिक होने के कारण रात के तापमान में मामूली कमी होगी।


एक्यूआई का किन पर ज्यादा असर
कमजोर फेफड़े वालों पर
सीओपीडी के मरीजों पर
कोविड से ठीक हो चुके लोगों पर
टीबी से ठीक हो चुके लोगों पर
एलर्जिक लोगों पर
अस्थमा के मरीजों पर
बुजर्गों पर


इस तरह करें खुद का बचाव
बाहर जाते हुए मास्क पहनना
गहरी सांस वाली एक्सरसाइज
इम्यूनिटी मजबूत
एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल
वॉकिंग का समय बदलना


11 टैंकरों से शहर की सड़कों पर पानी का किया जा रहा छिड़काव
13 हॉटस्पॉट वायु प्रदूषण के निगम की ओर से किए गए चिह्नित
4 सड़क स्वीपिंग मशीनें सड़क से धूल साफ कर रहीं