आगरा (ब्यूरो) स्नातक स्तर के हर छात्र को प्रथम दो वर्ष के प्रत्येक सेमेस्टर में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास कोर्स करना होगा। स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर छात्र को प्रत्येक सेमेस्टर में शोध परियोजना करनी होगी। छात्र द्वारा चुने गए तीसरे वर्ष के दो मुख्य विषयों में से किसी एक विषय एवं चतुर्थ, पंचम एवं षष्टम वर्ष के मुख्य विषय से संबंधित शोध परियोजना करनी होगी। इसमें दो प्रकार के पाठ्यक्रम होंगे। पहला इंडीविजुअल नेचर यानी एक सेमेस्टर में पूरा होने वाला पाठ्यक्रम व दूसरा प्रोग्रेसिव नेचर यानी एक ही पाठ्यक्रम जिसकी विशेषज्ञता प्रत्येक सेमेस्टर के साथ बढ़ती जाएगी। स्नातक स्तर पर इस बार प्रवेश भी नई शिक्षा नीति के तहत लिए गए थे, पर अभी तक रोजगारपरक पाठ्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया गया था। इसी संबंध में बुधवार को संकायध्यक्षों की बैठक जुबली हाल में हुई। इस बैठक में विभिन्न महाविद्यालयों ने 135 रोजगारपरक पाठ्यक्रम व अन्य विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। संकायध्यक्षों ने सभी पाठ्यक्रमों के संचालन की अनुमति प्रदान कर दी। विद्या परिषद में प्रस्ताव रखने से पहले पाठ्यक्रमों को एकरूपता में लाने की जिम्मेदारी सेंट जोंस कालेज के डॉ। संजय जैन को दी गई है। उसके बाद प्रस्ताव को विद्या परिषद और कार्य परिषद में रखा जाएगा। कार्य परिषद से अनुमोदन मिलने के बाद अध्यादेश लागू होगा। बैठक में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स से डॉ। वीके ङ्क्षसह, डॉ। संजय चौधरी, डॉ। एसपी ङ्क्षसह के अलावा डीन साइंस प्रो। अजय तनेजा, डीन कामर्स प्रो। लवकुश मिश्रा, डीन लाइफसाइंस डा। पीके ङ्क्षसह आदि उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता कुलसचिव संजीव कुमार ने की।

छात्र पढ़ेंगे यह विषय
वर्मीकोस्ट टेक्नोलाजी, केमेस्ट्री आफ वोलेटाइल डिस्टिलेट््स यूज्ड एड फ्रेगरेंसेस फार इंक्रीज एंड हवन सामग्री, सर्टिफिकेट इन एपीकल्चर ,स्किल्ड बीकीपर, पर्ल कल्चर टेक्निशियन, एनिमल लेबोरेट्री, फ्लावर पेंङ्क्षटग, मशरूम कल्टीवेशन, क्रिएटिव फोटोग्राफी, पटकथा लेखन, वाल पेंङ्क्षटग आदि।