आगरा : स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में नगर निगम, आगरा ने लंबी छलांग लगाई है। गुरुवार दोपहर घोषित रिजल्ट (दस लाख से अधिक जनसंख्या वाली श्रेणी) में आगरा प्रदेश में दूसरे और देश में 16वें नंबर पर रहा। हालांकि चौथे साल भी देश के दस प्रमुख शहरों में शामिल होने का सपना टूट गया। वर्ष 2019 में प्रदेश में पांचवें और देश में 85वें नंबर पर था। प्रदेश और देश में अच्छी रैंक आने पर नगर निगम में मिठाइयां बांटी गईं। पार्षदों ने भी अपने-अपने क्षेत्र में जश्न मनाया।
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इसलिए 16वें नंबर पर पहुंचा आगरा
- सौ वार्डो से हर दिन 750 टन कूड़ा निकलता है। इसमें 400 टन सूखा और 350 टन गीला कूड़ा शामिल
- सूखा कूड़े को अलग-अलग प्रोसेस किया जाता है, जबकि गीले से खाद तैयार होती है।
- कूड़ा निस्तारण को कुबेरपुर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट प्रस्तावित। 500 टन कूड़े से हर दिन दस मेगावाट बिजली पैदा होगी।
- नगर निगम ने अब तक एक हजार टन खाद की बिक्री की है।
- कूड़ा उठाने सहित तीन सौ मशीनें हैं।
- कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में आठ लाख टन पुराना कूड़ा था। अब तक चार टन कूड़े का निस्तारण
- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को ठीक तरीके से लागू करना।
- अधिक से अधिक सार्वजनिक और व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण करना
- एक साल में बीस डलावघर खत्म कराए गए। बाकी 150 डलावघरों को खत्म कराने का लक्ष्य
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गलतियों से नहीं सीख रहा निगम
- स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में जो गलतियां की गई थीं। वहीं गलतियां इस साल भी दोहराई गई हैं।
- एक अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2020 तक सर्वेक्षण हुआ।
- छह हजार अंकों के सर्वेक्षण-2020 में निगम को 4391.51 अंक मिले
-सर्वेक्षण में 1500-1500 अंकाें के के चार चरण थे।
-पहले चरण में 1214.43, दूसरे में 500, तीसरे में 1485.78, चौथे में 1191.30 अंक मिले
-तीन चरण तैयारियों और चौथा चरण फील्ड सर्वे का था।
-निगम प्रशासन ने अपने कार्यो को समय रहते वेबसाइट पर लोड नहीं किया
-चौथा चरण सिटीजन फीडबैक का था।
-सबसे कम नंबर दूसरे चरण में मिले। तैयारियां ठीक से की जातीं तो दूसरे चरण में और अधिक अंक मिल सकते थे।
यहां हुई चूक
- विशेष सफाई अभियान के नाम पर रस्म अदायगी
- नालों की ठीक से सफाई नहीं हुई, जहां हुई वहां पर सिल्ट का उठान नहीं किया
- नवंबर 2019 से जनवरी 2020 तक डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन ठीक से नहीं हुआ।
- सफाई व्यवस्था की ठीक से मानीटरिंग नहीं की गई।
- प्लाट और खाली स्थलों पर पड़े कूड़े के उठान पर ध्यान नहीं दिया गया
- मशीनों से ठीक तरीके से सफाई पर फोकस नहीं किया गया
- सिटीजन फीड बैक को लेकर विशेष जागरूकता अभियान नहीं चला
- डलावघरों से समय रहते कूड़े का उठान न होना
- सौ वार्डों में कुल 3900 सफाई कर्मचारी हैं। तीन से चार हजार कर्मचारियों की कमी है।
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स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में गलती सुधारने का मौका
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के आदेश पर एक अप्रैल से स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 शुरू हो गया है। इस बार भी तीन-तीन माह के चरण हैं। कुल अंक छह हजार हैं, लेकिन सिटीजन फीडबैक को और भी प्रभावी कर दिया गया है। यह सफाई, कूड़ा उठान, मशीनों से सफाई से संबंधित कई नए नियम भी हैं।
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स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम आगरा की स्थिति
वर्ष, देश में रैंक, प्रदेश में रैंक
- 2017, 263, 7
- 2018, 102, 5
- 2019, 85, 5
- 2020, 16, 2
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प्रदेश के शहरों की स्थिति
शहर का नाम, कुल अंक
- लखनऊ, 4728.28
- आगरा, 4391.51
- गाजियाबाद, 4283.26
- प्रयागराज, 4141.47
- कानपुर, 3783.88