आगरा: कोरोना काल में स्मारक खुले हुए ढाई माह बीत चुके है। टिकट ¨वडो अभी भी बंद चल रही हैं। स्मारकों पर ऑनलाइन टिकट बु¨कग की ही व्यवस्था है, जिससे पर्यटकों को ताजगंज में भटकना पड़ता है। उनकी मजबूरी का फायदा साइबर कैफे संचालक व दुकानदार उठा रहे हैं। वो प्रत्येक टिकट पर 15 से 25 रुपये तक अतिरिक्त वसूल कर रहे हैं। जानकारी होने पर भी पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

अभी केवल ऑनलाइन टिकट की ही व्यवस्था

कोरोना काल में दो माह की बंदी के बाद ताजमहल समेत अन्य सभी स्मारक 16 जून से खुले थे। कोविड के चलते सरकारी गाइडलाइन के अनुसार स्मारकों पर टिकट ¨वडो न खोलकर केवल ऑनलाइन टिकट बु¨कग की व्यवस्था की गई थी। वीकेंड में स्मारक खुलने के साथ ही अब भीड़ उमड़ना शुरू हो गई है। शनिवार से सोमवार तक तीन दिन की छुट्टी में ताजमहल देखने 65 हजार से अधिक पर्यटक आए। टिकट ¨वडो बंद रहने व ऑनलाइन टिकट बु¨कग की ही व्यवस्था होने से ऐसे पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिनके पास स्मार्ट फोन व ऑनलाइन पेमेंट करने की व्यवस्था नहीं थी। उनकी मजबूरी का फायदा ताजगंज में दुकानदारों व साइबर कैफे संचालकों ने उठाया। 45 रुपये की ताजमहल की टिकट के बदले में 60 से 70 रुपये तक उन्होंने वसूले। कोरोना काल में जब सभी पाबंदियां धीरे-धीरे कर हटाई जा चुकी हैं, तब टिकट ¨वडो खोले जाने की मांग उठ रही है।

मुख्य मकबरे पर खोली जा चुकी है टिकट ¨वडो

ताजमहल में मुख्य मकबरे पर 200 रुपये का अतिरिक्त टिकट लागू है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने चमेली फर्श पर टिकट ¨वडो बना रखी है, जिससे पर्यटक टिकट ले सकें। यह टिकट ¨वडो बंद चल रही थी। सोमवार को ताजमहल में मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करने पर जब पर्यटकों को ऑनलाइन टिकट बु¨कग कराने में दिक्कत आई तो एएसआई ने टिकट ¨वडो खोल दी।

यहां से हो रहा है खेल

ताजमहल की टिकट की बु¨कग का खेल पूर्वी गेट पर प्रवेश द्वार के सामने, चौक कागजियान, ताजगंज बाजार, मलको गली में चल रहा है। टिकट बुक करने के बदले में पर्यटकों से अधिक कीमत वसूली जा रही है। पिछले दिनों पर्यटन पुलिस ने ताज पूर्वी गेट से इस मामले में तीन लोगों को पकड़ा भी था।

ताजमहल समेत सभी स्मारकों पर टिकट ¨वडो को खोला जाना चाहिए। इससे पर्यटकों को टिकट बुक कराने के लिए अधिक कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी।

राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लागू की गई पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई जा चुकी हैं। बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। स्मारकों पर टिकट ¨वडो खोल देनी चाहिए।

शमसुद्दीन, अध्यक्ष एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन