हालिम लेता था ठेका
पिछले 8 सालों से सेक्टर 14 आवास विकास कालोनी में दो हजार वर्ग मीटर जगह में बांग्लादेशियों की बस्ती गुलजार थी और सुरक्षा एजेंसियों समेत लोकल इंटेलीजेंस को इसकी भनक तक नहीं थी। हालांकि इंटेलीजेंस ब्यूरो के इनपुट के बाद रविवार को हुई छापेमारी में 32 बांग्लादेशियों को धरदबोचा गया। जिसमें 15 पुरुष, 13 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल हैं। घुसपैठियों को बांग्लादेश से आगरा तक लाने और यहां बसाने का ठेका गिरफ्तार हालिम 20 हजार रुपए में लेता था। आईबी को छह महीने पहले बांग्लादेशी घुसपैठियों के आगरा में होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद उसने 'आपरेशन घुसपैठियाÓ शुरू किया। उनकी गतिविधियों पर नजर रखी। यहां रहने वाले सभी लोगों के बारे में पड़ताल की। सभी के बांग्लादेशी होने की पुष्टि के बाद पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में निकलकर आया कि हालिम के अलावा महिला रहीमा सभी घुसपैठियों के फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड और पैन कार्ड बनवाती थी। रहीमा ने ही सबका बैंक अकाउंट खुलवाया है।
पांच घंटे चली कार्रवाई
आईबी के इनपुट के बाद इंस्पेक्टर सिकंदरा आनंद कुमार साही के नेतृत्व में पुलिस टीम ने 'आपरेशन घुसपैठियाÓ शुरू किया। जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। शनिवार की आधी रात को शुरू हुई कार्रवाई रविवार की सुबह पांच बजे तक चली। घुसपैठिया हालिम ने बताया कि सेक्टर 14 में जिस जगह पर बस्ती बना रखी है। वह आवास विकास परिषद की विवादित जगह है। उक्त जगह को उसने एक व्यक्ति से किराए पर ले रखा था। एक झोपड़ी के लिए 800 से 1000 रुपए प्रति महीने किराया देता है। यहां पर टोरंट पॉवर का कनेक्शन भी ले रखा है। जिसका नियमित रूप से बिल जमा किया जाता है। अवैध रूप से बसी इस झुग्गी-झोपडिय़ों में सारी सुविधाएं हैं। डिश कनेक्शन है। इसके अलावा बीच मैदान में बैठक है। यहां पर बैठकर आपसी विवादों का निपटारा किया जाता है। मामला पुलिस तक नहीं पहुंचने दिया जाता है। इसका कारण भी है, पुलिस तक पहुंचने पर अपनी पहचान खुलने का डर रहता है। इसलिए कोई भी विवाद होने पर मामला आपसी पंचायत में निपटाया जाता है। हालिम और रहीमा व उसके पति का निर्णय अंतिम माना जाता है।
पश्चिम बंगाल के रास्ते एंट्री
सिकंदरा थाना पुलिस को पूछताछ में घुसपैठियों ने बताया कि वे सीमा पर एक नाले को पार करके वेस्ट बंगाल में एंट्री करते हैं। और बिहार के देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचते हैं। आगरा में बांग्लादेशियों के होने के संबंध में आईबी को मथुरा से लीड मिली थी। मथुरा से पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठियों ने पूछताछ में यह जानकारी दी थी। मथुरा में पकड़े गए मोहम्मद कमरुल ने खुफिया एजेंसियों को जानकारी दी थी कि आगरा में भी सिकंदरा थानाक्षेत्र में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए रह रहे हैं। यहां पकड़े गए बंग्लादेशी घुसपैठियों के पास से पुलिस को 35 फर्जी आधार कार्ड, एक पैन कार्ड भी मिला है।
झुग्गी में बिजली के कनेक्शन
अवैध रूप से आगरा में रह रहे बांग्लादेशियों की झुग्गी-झोपडिय़ों में बिजली और डीटीएच के कनेक्शन लगे थे, जबकि आम आदमी को बिजली का कनेक्शन लेने के लिए टोरेंट पावर कंपनी के कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं, फिर भी उनके विद्युत कनेक्शन नहीं हो पाते हैं।

4 से पासपोर्ट वीजा बरामद
खुफिया पुलिस की जांच में सामने आया है कि बांग्लादेशियों के पास आगरा और बाहरी जनपदों के पते के आधार कार्ड और पैन कार्ड हैं। पकड़े गए सभी लोगों में से मात्र चार लोगों के पास से बांग्लादेशी पासपोर्ट और वीजा मिले हैं। पुलिस सभी घुसपैठियों के आतंकी कनेक्शन को भी खंगाल रही है।


पकड़े गए बंग्लादेशी
-पकड़े गए लोगों में 15 पुरुष
- 13 महिलाएं
- 4 बच्चे

-बरामदगी
-35 फर्जी आधार कार्ड
-01 पैन कार्ड
-04 नागरिकों पर मिले वीजा पासपोर्ट


बंगाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले बंग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। घुसपैठियों के पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड बरामद किए गए हैं, हलीम नाम का व्यक्ति हवाला के जरिए पैसा बंग्लादेश भेजता था, पकड़े गए लोगों से पूछताछ पर अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की शिनाख्त की जा रही है। इसके बैंक अकाउंट चेक कर ट्रांजिक्शन डिटेल जुटाई जा रही है।
-विकास कुमार, डिप्टी कमिश्नर, सिटी जोन