आगरा(ब्यूरो)। बुधवार को पूरा दिन यूनिवर्सिटी में कर्मचारियों ने काम बंद रखा। यूनिवर्सिटी के सभी ऑफिस बंद रहे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कर्मचारी के इलाज का खर्चा उठाने का आश्वासन दिया है। दूसरी तरफ सपा और कांग्रेस ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।

कर्मचारी ने घर मेें खाया विषाक्त
यूनिवर्सिटी में मृतक आश्रित कोटे से दिनेश कुशवाह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर कार्यरत हैं, खंदारी परिसर में वे माली के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने मंगलवार को अपने कौशलपुर स्थित घर पर विषाक्त पदार्थ खा लिया था। इलाज जीजी नर्सिंग होम में चल रहा है।

मंत्री के बेटे पर अभद्रता का आरोप
कर्मचारी की हालत में सुधार होने के बाद दिनेश ने आरोप लगाए हैं कि दो साल पहले डिप्टी रजिस्ट्रार पवन कुमार ने उच्च शिक्षा मंत्री के आवास पर तैनात कर दिया था। मंत्री के बेटे द्वारा उत्पीडऩ किया जा रहा था। छुट्टी के दिन भी बुलाते थे। उसके साथ मारपीट की गई। इस संबंध में डिप्टी रजिस्टार को भी बताया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

वीसी ऑफिस के बाहर दिया धरना
बुधवार को सुबह से दोपहर तक यूनिवर्सिटी में कर्मचारियों ने सभी ऑफिस बंद रखे। किसी भी कर्मचारी ने अपने पटल पर काम नहीं किया। दूसरे शहरों से आने वाले छात्र भी वापस लौट गए। वीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया।

धरने पर बैठे कर्मचारियों ने रखी मांग
धरने पर बैठे कर्मचारी संघ ने वीसी के समक्ष अपनी मांगे रखीं। यूनिवर्सिटी दिनेश के इलाज का खर्चा उठाए। शिक्षा मंत्री के यहां दिनेश को अटैच करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही हो। तीसरी मांग रखी कि दिनेश को वापस यूनिवर्सिटी में अटैच किया जाए। वीसी ने कर्मचारियों की सभी मांगों को मान लिया।

वीसी ने मानी सभी मांगे
कर्मचारियों के विरोध के बाद कुलपति प्रो। आशु रानी के निर्देश पर कुलसचिव राजीव कुमार ने आदेश जारी करते हुए पवन कुमार को डिप्टी रजिस्ट्रार के दायित्वों से मुक्त कर दिया। पवन कुमार डिप्टी रजिस्ट्रार प्रशासन थे। यह जिम्मेदारी अब डिप्टी रजिस्ट्रार ममता सिंह को दी गई है।

छात्र नेता आए समर्थन में
सपा और कांग्रेस ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया। जिसमें सपा के शहर उपाध्यक्ष निर्वेश शर्मा ने कहा कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच हो। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य अपूर्व शर्मा का कहना था कि जांच समिति से हम संतुष्ट नहीं हैं। इस मामले में अन्य समिति का गठन किया जाए।

अटैच कर्मचारी की हो जांच
जांच समिति में रिटायर्ड अधिकारी और छात्र सं गठनों के पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाए। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गौरव शर्मा का कहना था कि जो भी कर्मचारी शिक्षा मंत्री के यहां अटैच हैं, उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं।

इस मामले में आदेश जारी किए हैं, पवन कुमार को डिप्टी रजिस्ट्रार के दायित्वों से मुक्त कर दिया। पवन कुमार डिप्टी रजिस्ट्रार प्रशासन थे। यह जिम्मेदारी अब डिप्टी रजिस्टार ममता सिंह को दी है।
प्रो। आशु रानी, कुलपति डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी