- छात्रों की समस्याओं को नहीं होता निराकरण

- विभागों के चक्कर काटते रहते हैं छात्र

आगरा। डॉ। भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी परिसर के बाहर हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई थी, जिससे छात्रों की समस्याओं का विश्वविद्यालय परिसर के अंदर प्रवेश किए बिना समाधान हो जाए। पर ऐसा हो नहीं पा रहा है। अभी भी छात्रों को विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

भटक रहे स्टूडेंट्स

एक सितंबर से छात्रों को यूनिवर्सिटी के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। कुलपति द्वारा यूनिवर्सिटी के पालीवाल पार्क स्थित हेल्प डेस्क को सक्रिय किया गया कि छात्र अपनी समस्याएं यहां दर्ज कराएंगे। पर यह हेल्प डेस्क को ही मदद की जरूरत पड़ रही है। यहां अपने आवेदन या शिकायत के साथ पहुंचने वाले छात्रों को ही यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर विभागों में भेजा जा रहा है। हेल्प डेस्क पर तो छात्रों को संतोषजनक जवाब मिलता ही नहीं है। प्रार्थनापत्र पर मोबाइल नंबर लिखवाए जा रहे हैं, लेकिन कोई कमी रहने पर उन पर फोन नहीं पहुंच रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन करने वालों को भी भटकना पड़ रहा है।

नहीं हो रही निगरानी

यूनिवर्सिटी प्रशासन हेल्प डेस्क से लिए जाने वाले प्रार्थनापत्रों की निगरानी भी नहीं करा रहा है। एक सितंबर से कितने प्रार्थनापत्र लिए गए, उनमें से कितने छात्रों को फोन करके कमियां बताई गईं या फिर कितने छात्रों की समस्या का समाधान कर दिया गया, किस पटल पर कितने प्रार्थनापत्र रुके हैं, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं बनाया गया है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कुलपति ने हेल्प डेस्क पर नए लोगों को जिम्मेदारी दी। छात्रों को अपने आवेदन का स्टेट्स ऑनलाइन जानने के लिए प्रक्रिया भी शुरू की गई।

छात्रों को लगाने पड़ रहे चक्कर

इतने सुधार के कदम उठाने के बाद भी छात्रों को राहत नहीं मिल रही है। उन्हें अपने आवेदन और समस्याओं के समाधान के लिए खुद ही हर विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर तो छात्रों की लंबी लाइन लगी रहती है। मैनपुरी से आए विकास कुमार ने बताया कि सितंबर से अब तक चार बार हेल्प डेस्क पर आ चुका हूं, पहले अंदर नहीं आने दे रहे थे, अब बोला खुद ही जाकर पता कर लो। बीएड डिग्री के लिए चक्कर काट रही अनीता ने बताया कि बाहर हेल्प डेस्क से बोल दिया कि अंदर जाकर पता कर लो, यह नहीं बताया कि किस विभाग में जाऊं।

हेल्प डेस्क पर लगातार सुधार कदम उठाए जा रहे हैं। छात्रों की शिकायतें मुझ तक पहुंची हैं। मैं गंभीरता से इस पर योजना बना हेल्प डेस्क की कार्यप्रणाली को सुधारने पर जोर दूंगा।

- प्रो। अशोक मित्तल, कुलपति