मेट्रो अधिकारी बोले टीबीएम 600 मीटर दूर
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि जिस जगह मकानों में दरार आ रही है, वहां से टीबीएम अभी 600 मीटर दूर है। ऐसे में टीबीएम की खोदाई से मकानों को किसी भी तरह के नुकसान होने का सवाल ही नहीं उठता। मेट्रो की ओर से इस संबंध में नगर निगम और जिला प्रशासन को एक लेटर भी लिखा जाएगा। जिसमें क्षेत्र में मकानों की स्थिति से अवगत कराया जाएगा।


निगम की टीम देगी रिपोर्ट
सुभाष गली में मकानों में आ रही दरारों को नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने गंभीरता से लिया। उनके निर्देशन पर जोनल अधिकारी विजय कुमार के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची। टीम ने एक-एक घर की स्थिति देखी। टीम में इंजीनियर भी थे। घरों में आ रही दरारों की वजह तलाशने का प्रयास किया। घरों में रह रहे लोगों से भी बातचीत की। टीम को क्षेत्र में 20 से 25 मकानों में दरारें मिली हैं। टीम की ओर से इस संबंध में नगरायुक्त को रिपोर्ट दी जाएगी।


सिर्फ 3 मीटर दूर से गुजरेगी मेट्रो
सुभाष गली में मकानों में दरारें चार इंच तक चौड़ी हो चुकी हैं। दीवार से लेकर छतों तक में ये दरारें हैं। क्षेत्रीय लोग कई बार इन दरारों की मरम्मत करा चुके हैं। लेकिन हर बार ये दरारें पहले से अधिक चौड़ी होकर उबरती हैं। अधिकतर मकानों में ये स्थिति चार से पांच महीनों से है। लोगों को अब अपने घर में रहने में डर लग रहा है। लेकिन जाएं भी तो क्या। सुभाष गली में जहां मकानों में दरार आ रही हंै, वहां से करीब तीन मीटर दूर से मेट्रो की अंडरग्राउंड टनल गुजरनी है। मेट्रो की ओर से कराए गए प्री कंडीशनल सर्वे में इसकी रिपोर्ट दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब मेट्रो की ओर से प्री कंडीशन सर्वे कराया गया था, जब इन मकानों में दरारें नहीं थीं। लेकिन अब इन मकानों में जिस तरह की दरारें हैं, उनमें रहने वाले भी डर रहे हैं। ऐसे में टीबीएम की टनल खोदाई के दौरान विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता होगी।

इन सवालों के जवाब तलाशना जरूरी?

- सुभाष गली वर्षों पुरानी है। कई पीढ़ी से लोग यहां रह रहे हैं। ऐसे में अचानक से मकानों में दरारें किस वजह से आईं?
- सुभाष गली की दरारें क्या किसी निर्माण कार्य के चलते हैं? गौरतलब है कि सुभाष गली से 100 से 150 मीटर दूर पर एसएन मेडिकल कॉलेज में मेट्रो के अंडरग्राउंड स्टेशन का कार्य चल रहा है।
- सुभाष गली में मकानों में दरारें कितनी गंभीर हैं? इन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
- क्या मानसून सीजन की बारिश झेलने के लिए ये मकान सेफ हंै?



टीम को क्षेत्र में भेजा गया था। टीम ने मकानों में आ रहीं दरारों की स्थिति का जायजा लिया है। टीम की ओर से रिपोर्ट देने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।
अंकित खंडेलवाल, नगरायुक्त, नगर निगम

टनल बोरिंग मशीन वहां से कम से कम 600 मीटर दूर है। टीबीएम बहुत जमीन के अंदर चलती है। उसके वायब्रेशन बहुत सेंसिटिव होते हैं, तभी वो असर डालते हैं। बिल्डिंग कंडीशन सर्वे होता है, उसी में तय हो जाता है कि इस बिल्डिंग को खाली कराना है या नहीं। हमें वहा ऐसी कोई दिक्कत लगी नहीं। इसलिए किसी मकान को खाली नहीं कराया गया।
पंचानन मिश्र, डीजीएम, जनसंपर्क, यूपीएमआरसी

टीम ने क्षेत्र में निरीक्षण किया है। मकानों में आ रहीं दरारों के बारे में जांच कर जानकारी जुटाई गई है। इस संबंध में रिपोर्ट दी जाएगी।
विजय कुमार, जोनल अधिकारी