आगरा( ब्यूरो)। ताजनगरी में कंप्टीशन एग्जाम में पास कराने का ठेका लेने वाला गैंग सक्रिय है। गैंग के सदस्य परीक्षार्थी को पास कराने का पूरा भरोसा देते हैं, जिसके एवज में मोटी रकम की सौदेबाजी की जाती है। जिले में अब तक अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं मेें पकड़े गए गैंग के सदस्यों की संख्या एक दर्जन से अधिक पहुंच चुकी है।

दर्जन से ज्यादा फर्जी परीक्षार्थी अरेस्ट
यूपी सेवा चयन आयोग, पुलिस भर्ती एग्जाम मेंं नकल कराने या परीक्षार्थी के स्थान पर एग्जाम देते पकड़े जाने पर दोष साबित होने पर तीन वर्ष तक प्रतियोगी परीक्षाओं में नहीं शामिल हो सकेंगे। आयोग इसके लिए अन्य आयोग को भी सूचित करेगा। वहीं नकल करने पर एफआईआर कराने से लेकर दंडित करने की व्यवस्था की गई है। लेकिन इसके बाद भी जिले में एक के बाद कर एक परीक्षाार्थी के स्थान पर एग्जाम देने वाले लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों कंप्टीशन एग्जाम में अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किय जा चुका है।

कंप्टीशन एग्जाम के पीछे गैंग
पुलिस ने पिछले दिनों पकड़े गए सॉल्वर गैंग के आरोपियों से पूछताछ की जिसमें बड़ा खु़लासा सामने आया है, कंप्टीशन एग्जाम में पढ़े लिखे बेरोजागरों का गैंग सक्रिय है। कोचिंग से संपर्क करने पर आसानी से ऐसे लोगों से संर्पक किया जाता है। नकल कराने या फिर उनके स्थान पर परीक्षा देने के एवज में दो लाख से पांच लाख रुपए तक की रकम वसूली जाती है। पढ़े लिखे टॉपर स्टूडेंटस कोचिंग में क्लास देते हैं। मोटी रकम का लालच मिलने पर परीक्षार्थी के स्थान पर एग्जाम भी देते, इस दौरान पकड़े जाने का रिस्क केन्द्र के बाहर खड़े परीक्षार्थी का नहीं होता है। एग्जाम पूरा होने पर पूरी रकम सेंटर के बाहर ही दी जाती है।

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का ले रहे सहारा

स्टूडेंट्स को मोटी रकम का लालच देकर एग्जाम में बैठने के लिए तैयार हो जाते हैं। जिससे कंप्टीशन एग्जाम में अभ्यर्थी को पास कराने का पूरा भरोसा दिया जाता है। वर्तमान में सॉल्पर गैंग हाईटेक है, वह मॉस्क या कानों के बालों के बीच में एक मक्खी की बराबर दिखने वाली डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं। केन्द्र के बाहर से सक्रिय गैंग पेड़ या किसी दीवार की आड़ में बुक से पढ़कर परीक्षार्थी को आंसर नोट कराता है। इस प्रोसेज में एग्जाम देने वाले परीक्षार्थी को भी बोलना पड़ता है, जिससे क्लास में डयूटी दे रहे निरीक्षक गतिविधि संदिग्ध होने पर ऐसे परीक्षार्थियों की पहचान करते हैं।

एक से 5 लाख में होता है सौदा
पुलिस गिरफ्त में आए सॉल्वर गैंग के आरोपी ने बताया कि डिवाइस से नकल कराने से अधिक रकम परीक्षार्थी के स्थान पर एग्जाम देने में मिलती है, एक से लेकर पांच लाख तक में सौदा होता है, पकड़े जाने पर असली परीक्षार्थी द्वारा अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है। शहर के कुछ एक कोचिंग में कंप्टीशन की तैयारी कराने वाले खुद ऐसे लोगों से संपर्क करा देते हैं।


होती है कार्रवाई
-वास्तविक तथा उसके स्थान पर बैठे अभ्यर्थी की परीक्षा डेट से तीन वर्ष के लिए आयोग की सभी परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा।
-क्वेंश्चन बुक अथवा ओएमआर शीट की अदला-बदली करना भी भी कार्रवाई है। संबंधित अभ्यर्थियों को परीक्षा की तिथि से दो वर्ष के लिए आयोग की आगामी सभी परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा।

-प्रश्नपत्र साथ ले जाने पर चेतावनी के साथ ही अभ्यर्थी को आयोग की परीक्षाओं में एक साल के लिए डिबार कर दिया जाएगा।

-परीक्षा कक्ष में मोबाइल, कैलकुलेटर या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस रखने व यूज करने पर प्रतिबंध है।


पकड़े गए परीक्षार्थी और सॉल्वर गैंग
20 अक्टूबर, 2020
-डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के खंदारी कैंपस में एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल नेत्र विज्ञान की परीक्षा में दस परीक्षार्थियों को पकड़ा।
24 नवंबर, 2121
-एसएससी की परीक्षा में इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस से परीक्षा देते दो लोग किए गिरफ्तार।
15 मार्च, 2021
-मेडिकल की परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस से नकल करते तीन स्टूडेंटस सहित चार पकड़े।
17 नवबंर, 2021
सीआरपीएफ कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में एग्जाम देने आए दो युवक कमला नगर से अरेस्ट