-पांच महीने से नहीं हुई कोई आमदनी

-बेरोजगार बैठे हैं फोटोग्राफर, तलाश रहे हैं रोजगार के नये रास्ते

आगरा। ताजमहल की फोटोग्राफी करना गर्व की बात है। दूर-दूर से लोग ताज के अलग-अलग एंगल की फोटोग्राफी करने आते हैं। पिछले 15 साल से लक्ष्मी भी ताज पर फोटोग्राफी कर रहे हैं और वे इस पर गर्व महसूस करते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अब तक लाखों टूरिस्ट्स की ताज के साथ फोटो क्लिक की है। उन्हें एक ही काम आता है और वो है ताज पर फोटोग्राफी करना। लेकिन अब उनकी इस कला और रोजगार के साधन पर खतरा मंडरा रहा है। इसकी वजह है कोरोनावायरस, जिसके कारण पिछले साढ़े चार महीने से ताज महल बंद पड़ा है और आने वाले दिनों तक कोई पता नहीं है कि ताज कब खुलेगा। ऐसे में लक्ष्मी जैसे कई फोटोग्राफर्स के लिए अब घर चलाने की भी मुश्किल आ खड़ी हुई है।

अनिश्चतता का दौर कर रहा परेशान

पुरातत्व स्मारक फोटोग्राफर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट सर्वोत्तम सिंताते हैं कि ताज के फोटोग्राफर्स के लिए अब अनिश्चितता का दौर आ गया है। अभी के हालातों को देखकर कोई पता नहीं कि ताजमहल कब खुलेगा। इसके साथ ही ऐसा सुनने में आ रहा है कि जब भी ताज खुलेगा तो एक दिन में केवल पांच हजार टूरिस्ट्स को ही ताज देखने की अनुमति होगी। इसमें दो शिफ्ट में ढाई-ढाई हजार टूरिस्ट्स ताज को देखेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसा भी सुनने में आया है कि फोटोग्राफर्स को साइड में बिठा दिया जाएगा। ताकि फिजिकल डिस्टेंस मेंटेन किया जा सके। उनका कहना है कि ऐसे में फोटोग्राफर्स कैसे अपना खर्चा निकालेंगे और कैसे अपना रोजगार चलाएंगे। उनका कहना है कि कोविड-19 उनके लिये अनिश्चितता लेकर आया है।

पहले से ही बढ़ गये हैं फोटोग्राफर्स

ताज महल में इस वक्त कुल फोटोग्राफर्स की संख्या 466 है। पहले ताज में केवल 202 फोटोग्राफर्स को ही फोटो खींचने की अनुमति थी। लेकिन पिछले साल आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने फोटोग्राफर्स के लिये एक पात्रता कोर्स शुरू किया और टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर 202 फोटोग्राफर्स का चयन किया। इस पर ताज के पुराने फोटोग्राफर्स ने आपत्ति जताई और उन्होंने कहा कि वे तो पहले से ही ट्रेंड हैं। वे दिल्ली हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गये। इसके बाद से ताज में अब पुराने 264 फोटोग्राफर्स और नये 202 फोटोग्राफर्स हैं। इन सभी के पास लाइसेंस है। लेकिन अब इनकी परेशानी है कि ताज खुलेगा तब भी क्या अब भी पहले की तरह आमदनी हो पाएगी।

तलाश रहे दूसरे रोजगार का सोर्स

ताजमहल और अन्य स्मारकों पर फोटोग्राफी करने वाले फोटोग्राफर्स फिलहाल की और आने वाले सिचुएशन को देखकर अब दूसरे इनकम के सोर्स तलाश रहे हैं। ताज पर फोटोग्राफी करने वाले इमरान बताते हैं कि उनके एक साथी फोटोग्राफर ने इन दिनों आíथक तंगी को देखते हुए फलों की दुकान लगा ली है। इसके अलावा अन्य फोटोग्राफर्स भी इनकम के अन्य साधन खोजने लगे हैं।

ताज के फोटोग्राफर्स के लिए अब अनिश्चितता का दौर आ गया है। अभी के हालातों को देखकर कोई पता नहीं कि ताजमहल कब खुलेगा। इस वक्त जिन लोगों की आíथक स्थिति ठीक नहीं है वे अब रोजगार के दूसरे अवसर की भी तलाश कर रहे हैं। टूरिज्म खुलने के बाद भी इसे पटरी पर आने में काफी वक्त लगेगा।

-सर्वोत्तम सिंह, प्रेसीडेंट, पुरातत्व स्मारक फोटोग्राफर्स एसोसिएशन

ताजमहल पर हम फोटोग्राफी करते हैं। इस पर हमें गर्व है लेकिन अब पांच महीने हो गये हैं। हालात काफी खराब हैं। दूसरे स्टेट्स में फोटोग्राफर्स को स्टेट गवर्नमेंट द्वारा भत्ता दिया जा रहा है। यहां पर हम एक-एक पैसे को मोहताज हैं।

-जीशान, फोटोग्राफर