आगरा: डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के 95वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन एक जुलाई को किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। उप मुयमंत्री डॉ। दिनेश शर्मा बतौर मुय अतिथि भाग लेंगे। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से किया जाएगा। कार्यक्रम खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में होगा।

कोविड प्रोटोकॉल दिोगा

तैयारियों को लेकर हुई बैठक में तय किया गया कि 350 से ज्यादा की क्षमता वाले जेपी सभागार में शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए 175 से ज्यादा अतिथि नहीं बुलाए जाएंगे। अतिथियों को एक कुर्सी छोड़कर बैठाया जाएगा। मुय द्वार पर सभी के पहचान पत्रों की जांच होगी। मास्क उपलध होंगे। शहर के गणमान्य व्यक्तियों के अलावा अधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। विश्वविद्यालय से जुड़े छात्र, शिक्षक व कर्मचारी कार्यक्रम का संजीव प्रसारण इंटरनेट मीडिया पर देख सकेंगे। कुलपति प्रो। अशोक मित्तल अपने 16 माह के कार्यकाल की प्रगति आया प्रस्तुत करेंगे।

गौरवशाली है विश्वविद्यालय का इतिहास

वर्ष 1927 में बने आगरा विश्वविद्यालय का नाम वर्ष 1996 में बदलकर डॉ। भीमराव अंबेडकर किया गया था। 14 कॉलेजों से शुरू हुए सफर में आज 1100 कालेज संबद्ध हैं। कला, विज्ञान, वाणिज्य और कानून के संकायों की संया अब बढ़कर 13 हो गई है। आवासीय परिसर में सबसे पहले केएमआई की स्थापना 1953 में की गई थी, उसके बाद 1957 में समाज विज्ञान संस्थान और 1968 में गृह विज्ञान संस्थान की स्थापना हुई। इस विवि का विस्तार क्षेत्र गुजरात, कोलकाता, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान तक था।

ये रहे हैं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र

आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद, पूर्व मुयमंत्री मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल प्रमुख हैं। यूजीसी के वर्तमान चेयरमैन प्रो। डीपी सिंह भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र हैं।

छात्र हित में लिए गए फैसले

नवीन सत्र में 29 रोजगारपरक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए।

27 साल बाद यूजीसी से 16 पाठ्यक्रमों को स्वीकृति मिली।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में सत्र 2020-21 में आयु का बंधन समाप्त किया।

बीए तृतीय वर्ष एवं बीएससी तृतीय वर्ष के समस्त छात्रों को दो के स्थान पर तीन मुय विषय चुनने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। इससे पूर्व तृतीय वर्ष में छात्र केवल दो ही विषय लेते थे। नई व्यवस्था के अंतर्गत अब छात्र को पूर्व की भांति अंतिम वर्ष की परीक्षा के लिए तीन विषय चुनने की स्वतंत्रता दी गई है।

मेरे कार्यकाल में यह दूसरा स्थापना दिवस है। मैं खुद इसी विश्वविद्यालय का छात्र रहा हूं। छात्र हित में ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे इस विश्वविद्यालय के छात्रों को गर्व हो।

प्रो। अशोक मित्तल, कुलपति

विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस विगत तीन-चार साल से ही नियमित मनाया जा रहा है। छात्रों को अपने विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिलती है।

प्रो। प्रदीप श्रीधर, जनसंपर्क अधिकारी, डॉ। भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय