आगरा। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने गुरुवार को इंटरमीडिएट परीक्षा भी कैंसिल कर दी। जिससे जिले के करीब 56 हजार स्टूडेंट्स बिना परीक्षा दिए ही पास हो जाएंगे। हाईस्कूल के करीब 65 हजार स्टूडेंट्स पूर्व में ही प्रमोट किए जा चुके हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल आफ द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) पूर्व में ही एग्जाम कैंसिल करने की घोषणा कर चुके हैं।

सही समय पर सही फैसला

प्रधानाचार्य परिषद के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ। यतेंद्र पाल सिंह का कहना है कि वर्तमान परिस्थिति में सही निर्णय है। कोरोना संक्रमण से कोई सुरक्षित नहीं, ऐसे में परीक्षा होती, तो विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी खतरा रहता। श्रीराम-कृष्ण इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल सोमदेव सारस्वत ने फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि परीक्षा टलने से कुछ विद्यार्थी निराश होंगे, लेकिन यह विद्यार्थी हित में लिया गया निर्णय है।

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परिणाम में बरतनी होगी सावधानी

भोगीपुरा स्थित डीएवी इंटर कालेज की प्रधानाचार्य गुंजन आर्य का कहना है कि फैसले का स्वागत है। कुछ विद्यार्थी आशंकित हैं कि उनका भविष्य क्या होगा। कॉलेज में चयन व प्रवेश कैसे होगा। उनके परिश्रम का फल मिलेगा या नहीं। इन बातों पर परिणाम तैयार करते समय ध्यान देना होगा। राजकीय इंटर कॉलेज के प्रवक्ता प्रभाकर गिरी का कहना है कि परीक्षा रद करना सही है। परिणाम तैयार करते समय आंतरिक मूल्यांकन व विद्यार्थियों के प्रदर्शन पर भी ध्यान देना होगा।

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तनाव से मिली मुक्ति

आल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन (आसवा) जिलाध्यक्ष सचिन शर्मा का कहना है कि निर्णय से विद्यार्थियों को तनाव से मुक्ति मिलेगी। अब परिणाम जल्दी आए, तो वह भविष्य की प्ला¨नग कर सकेंगे। चाहरवाटी इंटर कॉलेज, अकोला के प्रवक्ता डॉ। योगेंद्र सिंह का कहना है कि फैसला विद्यार्थी हित में है। इससे विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।

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यूपी बोर्ड सेशन 2020-21

हाईस्कूल

रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स 121708

रेग्यूलर- 65095

छात्र- 38354

छात्राएं- 26741

प्राइवेट- 111

छात्र- 57

छात्राएं- 54

इंटरमीडिएट

रेग्यूलर- 55863

छात्र- 33389

छात्राएं-22474

प्राइवेट- 639

छात्र- 449

छात्राएं- 190

कोरोना को लेकर हालत गंभीर बने हैं। एग्जाम को लेकर काफी टेंशन थी। प्रमोट करने की खबर टीवी पर मिली। बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। अब कॉलेज में भी पढ़ने का सापना पूरा होगा। पिछले वर्ष एग्जाम में फेल हो गया था।

राजू बघेल, स्टूडेंट

एग्जाम की तैयारी पूरी थी। जुलाई में एग्जाम कराने की बात कहीं जा रही थी, लेकिन अचानक प्रमोट करने के निर्णय ने सभी को चौंका दिया है। इसके साथ कोरोना से बचाव और संक्रमण की कड़ी तोड़ने की अच्छी पहल है।

गौरव चौधरी, स्टूडेंट

एग्जाम को लेकर काफी टेंशन बनी थी। इस बार फैमिली में सभी का निर्णय था कि बच्चों को एग्जाम इस बार नहीं दिलाते। साल बेकार हो जाए तो क्या, अगर संक्रमण फैला तो बहुत मुश्किल होगी। लेकिन बहुत अच्छा लग रहा है। सरकार का निर्णय सही है।

सुनीता रानी, पेरेंट्स

सरकार का निर्णय पूरी तरह सही है। ऐसी हालातों में परीक्षा कराना बहुत मुश्किल होता। इस निर्णय से शिक्षक और कर्मचारियों को भी बड़ी राहत मिली है। अगर स्टूडेंट्स या किसी कर्मचारी को संक्रमण होता तो यह उनके परिवार तक पहुंचता।

सुरेन्द्र कुमार सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष, अप्सा

यूपी में 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय सही है, इससे टीचर और कर्मचारी, पेरेंट्स और स्टूडेंट्स को राहत मिलेगी, इसके साथ ही संक्रमण की कड़ी को भी तोड़ा जाएगा।

डॉ। योगेन्द्र सिंह, प्रवक्ता, चाहरवाटी इंटर कॉलेज

यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट एग्जाम रद्द करने का निर्णय सही

आगरा। प्रदेश सरकार द्वारा यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 रद्द करने के फैसले का उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ पांडे गुट युवा प्रकोष्ठ ने स्वागत किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ। भोज कुमार शर्मा ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण छात्र और अभिभावक दोनों तनाव में थे। ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से होने वाली पढ़ाई बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्त नहीं थी। डॉ। सत्य प्रकाश शर्मा, डॉ। सीता राम चाहर, एस। सैमसन, मकसूद अली, आशीष पांडे, चूरामणि सिंह, राहुल शर्मा, राममूíत, सतेन्द्र कुमार माहेश्वरी, राजीव लाजरस, हरीश चौरसिया आदि शिक्षक नेताओं ने सरकार के फैसले की सराहना की।