- एक जून तक 12वीं सीबीएसई बोर्ड एग्जाम पर हो सकता है निर्णय

आगरा। सीबीएसई द्वारा 12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर एक लेटर जारी किया है। जिसमें 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर मुहर लगाई गई है। उच्चस्तर पर बोर्ड परीक्षा को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श किया है। जिसमें वर्तमान हालातों को ध्यान में रख एक जून तक इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वहीं, इसको लेकर शिक्षण संस्थानों ने मांग की है कि कोई भी फैसला लेने से पहले स्टूडेंट्स और टीचर्स के हित को ध्यान में रखना जरूरी है। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि परीक्षा आयोजित करने से पहले परीक्षाओं में शामिल होने वाले सभी शिक्षकों एवं छात्रों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों खुराक लगाई जाएं।

स्टूडेंट्स और टीचर्स का रखा जाएगा ध्यान

सीबीएसई बोर्ड की ओर से जारी की गई सूचना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नीसा (नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलाइंस) के रीजनल कन्वेनर (उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड), नेशनल कन्वेनर (नीसा एजुकेशन फंड) डॉ। सुशील गुप्ता ने कहा कि सरकार को बोर्ड परीक्षा आयोजित करने से संबंधित कोई भी निर्णय लेने में सबसे पहले टीचर्स और स्टूडेंट्स के हित का ध्यान रखना होगा, जिससे एग्जाम के समय कोई समस्या न हो। इस समय कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस के बाद अब येलो फंगस जैसी बीमारी सामने आ रही हैं। इन परिस्थितियों में बोर्ड परीक्षाओं से कहीं कुछ सामान्य होती स्थिति फिर से विकराल रूप धारण कर सकती हैं।

स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण मूल्यांकन

डॉ। गुप्ता ने कहा कि निश्चित रूप से क्लास 12वीं की परीक्षा और मूल्यांकन छात्रों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसी के आधार पर उनका चयन विभिन्न व्यावसायिक परीक्षा और संस्थानों में होता है। आज की परिस्थितियों में बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जाना शिक्षकों एवं छात्रों के स्वास्थ्य और जीवन दोनों के साथ खिलवाड़ होगा। प्रत्येक विद्यालय के छात्रों की परीक्षा अपने ही विद्यालय (स्वकेंद्र) में आयोजित करने पर विचार करना चाहिए। ऐसा होने पर छात्रों की संख्या सीमित होगी और कोरोना के लिए निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन सख्ती से किया जा सकेगा। मात्र डेढ़ घंटे की ऑब्जेक्टिव परीक्षा लेने की बजाय पूरे तीन घंटे की पूर्व घोषित ब्लूप्रिंट व माìकग स्कीम के अनुसार नियम के साथ परीक्षा ही ली जानी चाहिए। जिससे कि परीक्षा का स्तर और गुणवत्ता बनी रहे।

गुजरात में चलाए जा रहे एक कोचिंग सेंटर पर की गई कार्रवाई के दौरान 555 छात्र वहां उपस्थित थे। महामारी के चलते इस प्रकार एक साथ इतने छात्रों के एक स्थान पर मौजूद होने के कारण कोचिंग सेंटर के संचालक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। दूसरी ओर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए ऐसा ही कदम उठाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को बोर्ड परीक्षाओं पर कोई भी निर्णय लेने से पहले छात्रों एवं शिक्षकों के हित का ध्यान रखे, क्योंकि जीवन से बढ़कर कोई परीक्षा नहीं हो सकती।

डॉ। सुशील गुप्ता, अध्यक्ष अप्सा