- वैक्सीन न लगवाने से हो सकता है नुकसान

आगरा। कोरोना हर उम्र और बीमारी के लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है। हृदयरोग के पीडि़तों के लिए ये कुछ ज्यादा ही खरतनाक है। लेकिन हृदयरोगियों के मन में वैक्सीनेशन को लेकर काफी डाउट है। इस कारण वे वैक्सीन लगवाने में झिझक रहे है। जबकि एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि सभी कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं।

हृदयरोगियों को कई भ्रांतियां

कोविड वैक्सीन को लेकर कई अफवाहें सोशल मीडिया के माध्यम से चल रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने से क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। इस कारण हृदयरोगी कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने में थोड़ा संकोच कर रहे हैं। कुछ लोग तो वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं। जबकि एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि हृदयरोगियों को वैक्सीन समय से करा लेनी चाहिए।

जरूर लगवाएं वैक्सीन

सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। प्रवेग गोयल बताते हैं कि अब भी कुछ कार्डिक पेशेंट ऐसे आते हैं, जो वैक्सीन नहीं लगवाए होते हैं। ऐसे में वह अधिक रिस्क फैक्टर में हैं। जबकि वैक्सीनेशन पूरी तरह सेफ है। केंद्र सरकार की ओर से जब वैक्सीनेशन शुरू किया गया तो सबसे पहले कार्डिक पेशेंट के लिए कहा गया। उन्होने कहा कि जो हृरदयरोगी या अन्य मर्ज से ग्रसित हैं और वे लोग किसी कारण से डॉक्टर के पास नहीं जा पा रहे हैं, वे भी अपना समय से वैक्सीनेशन करा लें।

रोग कोई भी, वैक्सीनेशन कराएं

एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ। प्रभात अग्रवाल बताते हैं कि वैक्सीन सभी लोगों को लगवा लेनी चाहिए। जो लोग किसी रोग से ग्रसित हैं वे तत्काल प्रभाव से वैक्सीन लगवा लें, क्योंकि कोरोना का संक्रमण होने पर सबसे ज्यादा उन्हें नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज और हृदयरोगी भी वैक्सीन लगवाएं, इसमें कोई संकोच न करें। उन्होंने बताया कि जो ह्रदयरोगी वार्फारिन और एसिट्रोम दवाएं खा रहे हैं, वे पांच दिन तक ये दवा रोककर अपना वैक्सीनेशन करा सकते हैं, जबकि जो लोग क्लोपिडेगरोल और एस्प्रिन खा रहे हैं वे बिना दवा रोके वैक्सीनेशन करा सकते हैं।

वैक्सीन न लगवाने से हो सकता है खतरा

कोरोनावायरस का संक्रमण उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा घातक साबित हुआ है, जिन लोगों में कोमॉíबडिटीज थी यानि कि जिन मरीजों को शुगर, ह्रदयरोग या किसी अन्य रोग से ग्रसित हैं, उन्हें इससे काफी नुकसान झेलना पड़ा है। डॉ। प्रभात ने बताया कि कोरोना काल में कई मरीजों में हार्ट इंवॉल्वमेंट की समस्या देखी गई थी। कई मरीजों की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई थी। ऐसा देखने को मिला कि कोरोना संक्रमण से मरीजों की नसों में ज्यादा ब्लॉकेज बन रहे हैं और उसके चलते उन्हें हार्टअटैक हो रहा है।

वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां हैं, जो गलत हैं। हृदय रोगियों को प्रमुखता से वैक्सीन लगवानी चाहिए। सरकार ने भी जब वैक्सीनेशन शुरू किया था, तो सबसे पहले मौका कार्डिक पेशेंट को ही दिया गया। वैक्सीन की सेकेंड डोज के कुछ दिन बाद ही बॉडी में पूरी तरह से कोरोना से बचाव के लिए एंडीबॉडी डेवलप हो पाती हैं। कोविड की सेकेंड वेव में ये देखा भी गया कि जिन्होंने वैक्सीन लगवाई हुई थी वो इंफेक्टेड होने के बाद भी सीवियर कंडीशन में जाने से बचे रहे।

डॉ। प्रवेग गोयल, कॉर्डियोलॉजिस्ट

कोरोना से बचाव के लिए सभी लोगों को वैक्सीनेशन कराना चाहिए। केवल वार्फारिन और एसिट्रोम दवा लेने वाले मरीज पांच दिन दवा रोककर वैक्सीन लगवा सकते हैं.जबकि जो मरीज क्लोपिडेगरोल और एस्प्रिन खा रहे हैं वे बिना दवा रोके वैक्सीनेशन करा सकते हैं।

-डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, मेडिसिन डिपार्टमेंट, एसएनएमसी