- पुलिस ने ठेल-ढकेल लगाने वालों को बैरियर से ही दौड़ा दिया

- पास धारकों को ही मंडी परिसर में एंट्री, किसानों ने बनाई दूरी

आगरा। दो दिन से सब्जी मंडी बंद होने के कारण एक ओर जहां लोग सब्जी के लिए मोहताज हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सिकंदरा सब्जी मंडी में लाखों रुपये की सब्जियां खराब हो गई हैं। मंगलवार को सब्जी मंडी खुलने पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने यहां के हालातों का जायजा लिया तो अधिकतर आढ़तिए परेशान दिखाई दिए। कुछ आढ़तियों ने कच्ची सब्जियां पहले से खरीद ली थीं। वे इस समय खराब हो रहीं हैं। एक आढ़तिया ने बताया कि टमाटर, पालक, काशीफल, लौकी जो पहले से रखीं हुई थीं। अब वे बेकार हो चुकी हैं। बहुत नुकसान हो गया है।

बैरियर से ही लौटा दिया

दो दिन बंद रहने के बाद तीसरे दिन मंगलवार को मंडी तो खुली, लेकिन न तो मंडी में माल पहुंचा और न ही खरीदार। यहां तक कि किसान भी सब्जियां लेकर मंडी नहीं पहुंचे। बाहर से भी वाहन मंडी में नहीं आए। कुछ पास धारक पहुंचे तो उन्हें एंट्री दे दी गई। गली-मोहल्लों में सब्जी की ठेल-ढकेल लगाने वालों को पुलिस ने बैरियर से ही दौड़ा दिया। कुछ लोगों पर पास थे, लेकिन सब्जी ले जाने के लिए वाहन पास नहीं था। इसके चलते सब्जी नहीं ले जा सके। अभी तक मंडी में आलू और प्याज के अलावा अन्य कोई सब्जी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोग बिना सब्जी के घरों में कैद होकर रह गए हैं। बता दें कि सोशल डिस्टें¨सग का पालन कराने के लिए मंडी में जुर्माने का भी प्रावधान कर दिया गया है।

शहर में सब्जी को परेशान लोग

इधर दो दिन सिकंदरा मंडी बंद होने के बाद शहर में सब्जी के लिए लोग परेशान दिखाई दिए। कॉलोनियों में कोई ठेल ढकेल वाला नहीं पहुंचा। लोगों को जब जानकारी मिली कि कुछ सब्जी वाले भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं तो ऐसे में लोगों में भी सब्जी लेने के लिए भय था।

प्रॉब्लम सॉल्व करने में कंट्रोल रूम फेल

ग्रॉसरी की समस्या निस्तारण के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम भी लोगों को राहत नहीं दे पा रहा है। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने मंगलवार को कंट्रोल रूम में फरियादी बनकर कॉल किया तो, चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। कंट्रोल रूम नं 0562-2454209 पर फोन करने पर बताया कि दूध और सब्जी नहीं मिल पा रहा है, तो जवाब मिला कि अभी केस बढ़ रहे हैं। सख्ती कर दी गई। घर पर ही रहें। सब्जी के लिए वेंडर का नंबर दे दिया गया। लेकिन कंप्लेन को नोट नहीं किया गया। न तो नाम पूछा गया और न ही कोई समस्या पूछी गई। नंबर बताकर फोन काट दिया गया। जब वेंडर को फोन लगाया तो वेंडर ने जवाब दिया कि जब तीन दिन से खुद हमारे लिए सब्जी नहीं है, तो आपको कहां से देंगे। दोबारा ग्रॉसरी के कंट्रोल रूम को फोन किया गया तो, बताया कि हम टोरंट से बोल रहे हैं। पहले अपना नाम चंद्रकांत बताया फिर कहा कि सुपरवाइजर से बात कर लो। सुपरवाइजर ने अपना नाम अनिल तिवारी बताया। उसके बाद दूध के लिए खाद्य अधिकारी अवधेश पाराशर का फोन नंबर बता दिया गया। जब उनको फोन किया गया तो उन्होंने पूछा कि व्हाट्सएप नंबर हो तो नंबर भेज दूंगा। जब बेसिक मोबाइल यूज करने की कहा गया तो, तो फोन कट गया।

मंडी में जुर्माना का प्रावधान

बिना मास्क के पकड़े जाने पर 500 रुपये

दूसरी बार बिना मास्क के पकड़े जाने पर 1000 रुपये

थोक विक्रेता के मास्क न लगाने पर 1500 रुपये जुर्माना व लाइसेंस निरस्त करने का निर्देश