- पद्म भूषण गोपालदास 'नीरज' को अंतिम विदाई देने उमड़ा शहर

- पूर्व सीएम अखिलेश यादव समेत तमाम नामचीन हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

आगरा। जब चले जाएंगे हम लौट के सावन की तरह, याद आएंगे पहले प्यार के चुंबन की तरहअपनी कुछ ऐसी ही कविताओं से हर किसी के दिल पर राज करने वाले पद्मभूषण गोपालदास 'नीरज' को अंतिम विदाई देने पूरा शहर उमड़ पड़ा। शनिवार को क्या आम और क्या खास, हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनसे जुडे़ संस्मरणों को याद करते रहा।

पूर्व सीएम ने बंधाया ढांढस

बल्के श्वर स्थित बेटे शशांक प्रभाकर के निवास पर सुबह से ही अपने पसंदीदा कवि को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनका पार्थिव शरीर आवास पर पहुंचा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव ने भी अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। परिवारीजनों को ढांढस बंधाया।

एक युग का अंत

प्रख्यात कवि को श्रद्धांजलि देने पहुंचे कवि कुमार विश्वास ने उन्हें लोकप्रियता का पैमाना बताया। विश्वास ने उनकी मौत को एक बड़े युग का अंत बताया। कहा कि उनके गीतों पर स्व। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, अभिनेता देवानंद भी थिरक उठते थे। विश्वास ने कहा कि जिस तरह नीरज जी ने अपने लंबे जीवन काल में धरती पर तमाम कवियों के साथ मंच साझा किया, वैसे ही अब स्वर्ग में जाकर वहां पहुंचे कवि के साथ भी मंच साझा करेंगे।

तीन वर्ष पहले लिया देहदान का संकल्प

बेटे शशांक प्रभाकर ने कहा कि पिताजी ने हमेशा उनको मंच पर कवि सम्मेलन के दौरान सीख दी। बेटे ने बताया कि देह दान के विषय पर संकल्प 2015 में ही किया गया है। ऐसे में देहदान पर किसी तरह का विवाद नहीं है। यदि कोई विवाद है तो इसकी जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज की है।

इटावा में बनेगा नीरज स्मृति भवन

अंतिम दर्शन को पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता में आने पर वह इटावा में गोपालदास नीरज के नाम से स्मृति भवन बनाएंगे। गोपालदास नीरज का जन्म 1925 में इटावा में हुआ था। इसके बाद उनका परिवार अलीगढ़ में शिफ्ट हो गया था। जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी, एसएसपी अमित पाठक ने पत्नी के साथ शासन प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

इन्होंने दी श्रद्धांजलि

कवि कुमार विश्वास, सुरेन्द्र शर्मा, अरुण जैमिनी सम्भू शिखर, अभिनेता अक्षय आनंद, एससी आयोग रामशंकर कठेरिया सहित शहर की बड़ी शख्सियत ने उन्हें विदाई दी।