शातिरों ने फैला रखा है इंटरनेट मीडिया पर ठगी का नेटवर्क

आकर्षक कीमत के चक्कर में लोग फंस जाते हैं जाल में

आगरा: कोरोना संक्रमण के बाद पुरानी कारों की खरीद-फरोत बढ़ी है। ऐसे में कुछ लोग ऑनलाइन डील भी कर रहे हैं। बढ़ते क्रेज को देखते हुए साइबर शातिरों ने भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सक्रियता बढ़ा दी है। वे इंटनेट मीडिया पर कार या अन्य वाहन का फोटो अपलोड कर उसकी आकर्षक कीमत रखते हैं। सैन्य अधिकारी बनकर ये शातिर लोगों का भरोसा जीतते हैं। फोन पर डील फाइनल कर अपने खातों में रकम ट्रांसफर कराते हैं। ठगी होने के बाद जानकारी हो पाती है।

कारोबारी को लगाया चूना

बरेली के एक व्यापारी ने इसी माह ऑनलाइन शा¨पग साइट पर कार सर्च की। एक कार पसंद आने पर विज्ञापन में दिए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। कार मालिक ने ाुद को सैन्य अधिकारी बताया। कहा, उनका आगरा से ट्रांसफर हो गया है, इसलिए कार बेचना चाहते हैं। माडल के हिसाब से कार की कीमत काफी कम बताई। इस पर व्यापारी कार खरीदने को तैयार हो गया। उसने टेस्ट ड्राइव के लिए कहा तो बेचने वाले ने कह दिया कि सैन्य क्षेत्र में आप नहीं आ सकते। खाते में बीस हजार रुपये एडवांस जमा करा दो, कार बरेली पहुंचा दी जाएगी। व्यापारी को शक हो गया, उसने खाते में रकम जमा नहीं कराई।

गैंग ने फैला रा है नेटवर्क

रामबाग निवासी सचिन ने भी इंटरनेट मीडिया पर एक कार की डील की। खुद को सैन्य अधिकारी बता रहे कार विक्रेता ने बताया कि कार आगरा के कैंट क्षेत्र में खड़ी है। वह उन्हें वहां कार देखने को नहीं बुला सकते। झांसे में आकर सचिन ने शातिर के ाते में 10 हजार रुपये एडवांस जमा करा दिए। और रकम जमा कराने की कहने पर सचिन समझ गए, इसके बाद उन्होंने रकम जमा नहीं कराई। उन्होंने अभी पुलिस से शिकायत नहीं की है। इनकी तरह ही तमाम मामले हैं, जिनमें से कुछ ही पुलिस के पास पहुंचते हैं। एसएसपी मुनिराज का कहना है कि ऑनलाइन वाहन बेचने के नाम पर कुछ गैंग ठगी करते हैं। कई बार इस तरह के गैंग पकड़े गए हैं। इनसे बचने को लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

ये बरतें सावधानी

अगर कार की ऑनलाइन डील कर रहे हैं तो उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस को वाट्सएप पर मंगवाकर जांच लें।

कार को बिना भौतिक रूप से देखे डील न करें। वर्चुअल डील में हकीकत सामने नहीं आती है।

कार को भौतिक रूप से देखने के बाद ही पेमेंट करें और पेपर ट्रांसफर करा लें। पहले से किसी के खाते में एडवांस के तौर पर रकम न जमा कराएं।