आगरा(ब्यूरो)। इस परेशानी से सिर्फ मयंक को ही नहीं जूझना पड़ा, बल्कि शहर की सड़कों से दिनभर इलेक्ट्रिक बसें गायब रहीं। इसके चलते बड़ी संख्या में पैसेंजर परेशान रहे। वह सवाल कर रहे थे कि इलेक्ट्रिक बस कब आएगी लेकिन उनके सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था।

कई महीने से नहीं दिया जा रहा वेतन
फाउंड्री नगर स्थित इलेक्ट्रिक बस स्टेशन पर सुबह चालकों ने हंगामा कर दिया। प्राइवेट कंपनी द्वारा वेतन न मिलने के चलते हड़ताल कर दी। चालकों ने प्राइवेट कंपनी कंपासी के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि कई महीनों से उनका वेतन नहीं दिया गया। बस में जरा सी भी कोई टूट फूट हो जाती है तो उनके वेतन में से अनावश्यक रूप से पैसे काट लिए जाते हैं। कभी सवारियां कम होने के कारण परेशान किया जाता है तो कभी अधिक समय तक गाड़ी चलाने के लिए दबाव डाला जाता है।

कंपनी अधिकारी करते हैं अभद्रता
इलेक्ट्रिक सिटी बस चलाने वाले विनोद शर्मा ने बताया कि एक दिन वह रामबाग चौराहे पर नाश्ता कर रहे थे। उनकी बस को इलेक्ट्रिक बस स्टेशन में खड़े करने में करीब डेढ़ घंटे का समय बाकी था। इस दौरान कंपासी कंपनी के किसी अधिकारी ने उन्हें नाश्ता करते हुए देख लिया। जब वह कंपनी में बस जमा करने आए तो अधिकारी ने उनके साथ अभद्रता की और गाली गलौज की। वहीं उनका रूट ऑफ कर दिया और कहा कि अब तीन-चार दिन आप घर पर आराम कीजिए। चालक अमर सिंह राठौर ने बताया कि वह डेढ़ साल से इस कंपनी में काम कर रहे हैं। पिछली 28 तारीख को उन्होंने कंपनी से पूछा कि वेतन में से उनके 4000 क्यों काट दिए गए। कंपनी ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।

हाथ में पत्थर लेकर खड़े हो गए
अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोग सुबह डिपो के गेट पर आ गए। नारेबाजी कर हंगामा करने लगे। हाथों में पत्थर लेकर खड़े हो गए। ऐसे में बस डिपो से नहीं निकल सकीं। इनमें से कुछ पूर्व कर्मचारी हैं। जिनके द्वारा कार्य प्रभावित करने के कारण इनको नौकरी से निकाला गया था। इन्हीं लोगों की ओर से डिपो के गेट पर हंगामा किया गया। इससे बस संचालन प्रभावित हुआ। शाम को पुलिस बुलाकर हड़ताल को समाप्त कराया। सभी चालक काम पर लौट आए।

अधिक किराया देना पड़ा
सिटी बसों की हड़ताल के कारण एमजी रोड पर ई-रिक्शा चालकों ने खूब फायदा उठाया। सवारियों से अधिक किराया वसूला और कोई सवारी वाहन नहीं मिलने के कारण मजबूरन अधिक किराया देकर पैसेंजर्स ने सफर किया। शहर में 100 सिटी बसें हैं। 70 से 80 इलेक्ट्रिक बस का संचालन रोजाना होता है। रोजाना हजारों की संख्या में सवारियां इन बसों से आवागमन करती हैं।


मुझे सदर बाजार जाना था लेकिन भगवान टॉकीज से बस ही नहीं मिली। काफी देर तक मैं खड़ा रहा। बाद में ई-रिक्शा में जाने को मजबूर होना पड़ा, वो भी अधिक किराया देकर।
धीरज


मुझे किसी काम से राजामंडी चौराहे पर जाना है लेकिन काफी देर हो गई खड़े हुए, अभी तक सिटी बस नहीं आई है। कुछ समझ ही नहीं आ रहा, पता नहीं बस कब आएगी।
पवन


बच्चों को कोचिंग के लिए छोडऩे जाना था लेकिन बस नहीं मिलने के चलते परेशान होना पड़ा। सिटी बस तो कहीं दिखी ही नहीं।
रामप्रवेश


कुछ लोगों ने डिपो के गेट पर पहुंचकर हंगामा किया। हाथ में पत्थर लेकर खड़े हो गए। इस कारण बस डिपो से नहीं निकल पाईं। शाम को पुलिस की मौजूदगी में हड़ताल समाप्त करा दी गई। आज से सेवा सामान्य हो जाएगी।
प्रदीप चौधरी, इंचार्ज