आगरा(ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश बोर्ड से संबद्ध इंटर कॉलेज के 66 हजार व हाईस्कूल के 85 हजार परीक्षार्थी इस पर बोर्ड एग्जाम दे रहे हैं। छात्र-छात्राएं बिना पूर्व तैयारी के कॉलेजों के सत्र परिवर्तन की व्यवस्था में फंस गए हैं। यूपी बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा का पहला दौर चल रहा है। दूसरा दौर 20 जनवरी से शुरू होना है। 19 फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं शुरू होगी। 31 मार्च तक जूनियर व 9 वीं व 11वीं क्लास के छात्रों की परीक्षा कराकर परिणाम घोषित किया जाना है। इन दिनों इस सब की तैयारी कड़ाके की ठंड में फंस गई है। कॉलेज में 28 दिसंबर से छुट्टी चल रहीं हैं। आगे भी ठंड खत्म होने की संभावना नहीं दिखती।

अधुरी पढ़ाई स्टूडेंट्स के लिए टेंशन
अधिकतर कॉलेजों में पढ़ाई की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। दिसंबर मंथ में छमाही परीक्षा कराई गई। छमाही परीक्षा तक 50 से 60 फीसद कोर्स खत्म कराना होता है। वैसे तो सभी कॉलेज इतना कोर्स नहीं करा पाए लेकिन इसे मान भी लिया जाए तो अधिकतर कॉलेजों में छमाही परीक्षा के बाद परिणाम ही वितरित हो पाए थे कि सर्दी की छुट्टियां शुरू हो गईं। कॉलेज खुलने के बाद 10 फीसद से अधिक कोर्स नहीं पढ़ाया जा सकेगा। नतीजा, स्टूडेंट्स को 60 से 70 फीसद पढ़ाई पर ही संतोष करना पड़ेगा, जो स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ी टेंशन हैं।

प्रैक्टिकल एग्जाम होना है शेष
ज्यादातर कॅालेजों की प्रयोगशाला तैयार नहीं हैं जबकि बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा का पहला चक्र चल रहा है और दूसरा 20 जनवरी से शुरू होना है। छात्रों के सामने समस्या है कि वे थ्योरी का पिछड़ा कोर्स पूरा करें अथवा प्रैक्टिकल की तैयारी? इससे स्टूडेंट्स के बीच असमंजस की स्थिति बनी है। इसको लेकर पचकुंइयां स्थित शिक्षा भवन में अधिकारियों के पास लगातार कॉल आ रहे हैं। डीआईओएस दिनेश कुमार ने बताया कि एग्जाम से संबंधित सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है, प्रैक्टिकल कराए जाएंगे।

इस बीच ये भी होने हैं काम
-20 से 30 जनवरी तक होनी हैं प्रायोगिक परीक्षाएं
-25 जनवरी तक 10 वीं के इंटरनल एग्जाम के नंबर भेजने हैं।
-25 जनवरी तक करा लेनी हैं शारीरिक शिक्षा की परीक्षा
-होम एग्जाम की टाइम टेबिल नहीं किया गया घोषित
-तमाम शिक्षकों को अन्य जिलों में प्रयोगात्मक परीक्षा लेने जाना है।


पहली अप्रैल से नए सत्र की तैयारी से पढ़ाई चौपट हो गई है। ग्रामीण बच्चों के लिए तो भारी संकट है। सीबीएसई भी मार्च में परीक्षा करा रहा है। यूपी बोर्ड की परीक्षा आगे बढऩी चाहिए।
= डॉ। भोज शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ, पांडेय गुट


फरवरी में बोर्ड परीक्षा और ठंड दोनों ही पढ़ाई के लिए संकट बन गए हैं। ठंड प्रकृति की देन है पर परीक्षाएं बोर्ड के हाथ में हैं। बोर्ड को पढ़ाई पूरी कराने मौका देना चाहिए।
डॉ। सत्य प्रकाश, जीआईसी

कॉलेज खुलने पर शिक्षक अतिरिक्त कक्षाएं लगा कर कोर्स पूरा कराएं ताकि छात्र परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सके ।
- गुंजन सिंह, डीसी वैधिक इंटर कॉलेज