- जांच पड़ताल में हुआ खुलासा, पुलिस के कब्जे में महिला

- मुंशीदास की पत्नी, पुत्र और नाथूराम-समर तीनों में 30-30 करोड़ रुपए की हुई थी डील

आगरा। डौकी दोहरे हत्याकांड में मुख्य आरोपी सहित एक महिला को कब्जे में लेने के बाद पुलिस अब पूरे मामले से पर्दा उठाने का दावा कर रही है। नाथूराम की हत्या में एक महिला की अहम भूमिका सामने आई है। जिसने समर के साथ मिलकर हत्या का पूरा षड़यंत्र रचा। पुलिस ने समर का बयान दर्ज करके हत्या में प्रयुक्त एक कट्टा भी बरामद किया है।

डौकी के मेहरा नाहरगंज के दोहरे हत्याकांड 5 जून को हुआ था। इसके मुख्य आरोपी समर सिंह को 8 जून को गिरफ्तार किया। इसके बाद हत्याकांड की परत-दर-परत खुलती गई। पुलिस के अनुसार समर ने हत्याकांड से जुड़े सभी राज खोल दिए हैं। उसने बाबा मुंशीदास की 100 करोड़ की जमीन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नाथूराम वर्मा की हत्या की। इसमें एक फिरोजाबाद, टुंडला की निवासी रेखा पति भंवर सिंह का भी हाथ सामने आया। इस महिला से घटना के दिन नाथूराम की 8 से 10 बार फोन पर बातचीत हुई। नाथूराम को जिस समय तीन बदमाशों और समर ने गोली मारी, उस दौरान भी महिला से बातचीत हो रही थी। पुलिस को सबूत के तौर पर फोन रिकार्डिग मिल चुकी है। पुलिस ने समर से एक कट्टा, एक गोली भी बरामद की है। समर सिंह को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया है।

गहरी दोस्ती में रुपया और औरत आड़े

हलपुरा, नरौता निवासी नाथूराम और नगला आम निवासी समर सिंह गहरे दोस्त थे। दोनों सुबह से देर रात तक एक साथ रहते थे। बाबा मुंशीदास की हत्या के बाद लगभग 100 करोड़ की जमीन पर पत्नी उर्मिला और पहली पत्नी के पुत्र राजकुमार दोनों दावा ठोक रहे थे। इन दोनों में समझौता कराने का ठेका नाथूराम और समर ने लिया। जमीन बेचने के बाद पत्नी और पुत्र को 30-30 करोड़ रुपए और दोनों दोस्तों के हिस्से में 15-15 करोड़ रुपए देने की बात तय हुई। समर की नियत खराब हो गई। उसने नाथूराम का हिस्सा भी लेने के लिए हत्या की योजना बनाई। इसमें नाथूराम की पुरानी पहचान की महिला की देवरानी को साथ लिया। महिला और रुपए नाथूराम की हत्या की वजह बनी।

समर सिंह की तीन पत्नियां

पुलिस ने खुलासा किया है कि समर सिंह की तीन पत्नियां हैं। दो पत्नी घर में रहती हैं। तीसरी पत्नी फतेहाबाद में रहती है, जिसके यहां नाथूराम का आना-जाना बताया गया।

महिला मित्र की देवरानी बनी सूत्रधार

फिरोजाबाद की एक महिला से नाथूराम की मित्रता थी। उनकी दोनों के बीच काफी समय से अनबन चल रही थी। दोनों की दुश्मनी बहुत बढ़ गई थी। ये भनक समर सिंह को थी। उसने वारदात को अंजाम देने के लिए उस महिला की देवरानी रेखा को षड़यंत्र में शामिल किया। महिला ने नाथूराम को फोन करके मेहरा नाहरगंज यमुना किनारे बुलाया। यहां पहले से ही भाड़े के तीन बदमाश नाथूराम की हत्या के लिए छुपे थे। उन्होंने फायर कर दिया। नाथूराम ने समर की गाड़ी में बैठकर अपनी जान बचाने की कोशिश की, तो समर ने भी नाथूराम पर फायर झोंक दिया।