- आपदा राहत सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मिला हितलाभ

- एनआईसी और मेट्रो प्रोजेक्ट स्थल पर शिविर लगाकर किया श्रमिकों का पंजीयन

आगरा। कोरोना काल में परेशान निर्माण श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को प्रदेश सरकार ने हितलाभ योजना का लाभ पहुंचाना शुरू कर दिया है। बुधवार को उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित आपदा राहत सहायता योजना अंतर्गत श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को नौ करोड़ 84 लाख 19 हजार रुपये का हितलाभ वितरित किया गया। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए उप्र राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के वेबपोर्टल पर पंजीकरण का वर्चुअल शुभारंभ किया गया।

माननीयों ने बांटे प्रमाण-पत्र

कलक्ट्रेट स्थित एनआईसी में हुए कार्यक्रम में सांसद प्रो। एसपी सिंह बघेल, राज्यमंत्री चौ। उदयभान सिंह, विधायक महेश गोयल, योगेंद्र उपाध्याय, पुरुषोत्तम खंडेलवाल और हेमलता दिवाकर ने निर्माण श्रमिकों को सहायता योजना के भुगतान प्रमाण पत्र वितरित किए। जिले के 98419 श्रमिकों को एक हजार रुपए के हिसाब से नौ करोड़ 84 लाख 19 हजार रुपए का भुगतान डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में किया गया। जनप्रतिनिधियों ने 13 निर्माण श्रमिकों को योजना के भुगतान प्रमाण पत्र वितरित किए।

इन्हें मिले प्रमाण पत्र

निर्माण श्रमिक संतोष कुमार, प्रेमशंकर बघेल, देवी सिंह, दिगंबर सिंह, प्रेमशंकर, गौरव कुमार, राजकपूर, राकेश, संजीव, मोहित कुमार, निरंजन, देवेंद्र और सतेंद्र कुमार को योजना के प्रमाण-पत्र मिले। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के उद्बोधन का प्रसारण किया गया। डीएम प्रभु एन सिंह, एडीएम प्रोटोकॉल हिमांशु गुप्ता, उपश्रमायुक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह, सहायक श्रमायुक्त सर्वेश कुमारी व पल्लवी अग्रवाल, श्रम प्रवर्तन अधिकारी एसएन नागेश, एके पांडेय, प्रवीन दत्त आदि मौजूद रहे।

दो स्थानों पर लगाया पंजीयन शिविर

श्रम विभाग ने बोर्ड से मिले निर्देशों पर बुधवार को कलक्ट्रेट स्थित एनआईसी और फतेहाबाद रोड पर चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट कार्य स्थल पर पंजीयन शिविर लगाया। मेट्रो प्रोजेक्ट शिविर में कुल 32 निर्माण श्रमिकों ने अपना पंजीयन कराया। यहां भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी किया गया।

बिना पंजीयन काम कर रहे निर्माण श्रमिक

मेट्रो प्रोजेक्ट साइट पर पंजीयन शिविर लगाने पहुंचें श्रम विभाग अधिकारी उस समय हैरान रह गए, जब प्रोजेक्ट में काम कर रहे श्रमिकों के श्रम विभाग में पंजीयन की स्थिति उन्होंने देखी। वहां काम कर रहे सैकड़ों श्रमिकों में से चंद ही पंजीकृत थे। श्रमिकों का पंजीयन न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। साथ ही मेट्रो अधिकारियों को अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीयन कराकर उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।