आगरा (ब्यूरो): हो सकता है यह आपका मेेनोपॉज का समय हो। डॉक्टर्स के मुताबिक इन दिनों में महिलाओं में प्री-मेच्योर मेनोपॉज देखा जा रहा है। आज यानि बुधवार को वल्र्ड मेनोपॉज डे मनाया जा रहा है।

डाइट पर दें विशेष ध्यान
जीवनी मंडी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी व महिला रोग विशेषज्ञ डॉ। मेघना शर्मा ने बताया कि वैसे महिलाओं को अपनी हेल्थ का शुरू से ही ध्यान रखना चाहिए। लेकिन 30 के बाद खुद को फिट रखने के लिए योगा के साथ डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। महिलाएं ठीक तरीके से हर दिन व्यायाम करें और प्राणायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इससे शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके के होने वाले बदलाव से दिक्कत नहीं आएगी।

आगरा मेनोपाज सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ। रुचिका गर्ग का कहना है कि मेनोपाज के लक्षण हर महिला में अलग-अलग होते हैं। किसी महिला का पीरिड्स अचानक बंद हो जाता है तो कई बार इस प्रक्रिया में कई माह लग जाते हैं। इसकी औसत उम्र 45 से 47 साल तक है। समाज में इसे लेकर जागरुकता का अभाव है। महिलाएं इसे बताना पसंद नहीं करती हैं। शारीरिक और मानसिक बदलाव का असर उनकी सेहत पर पड़ता है। एस्ट्रोजन को बढ़ाने के लिए हारमोंस थेरेपी भी आ चुकी है। हालांकि इसका इस्तेमाल कम हो रहा है।

ओवरी में नहीं बनता है अंडा
एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग की अध्यक्ष डॉ। रिचा ङ्क्षसह का कहना है कि मेनोपाज में ओवरी में अंडा बनना बंद हो जाता है। कई बार अचानक आए बदलाव को महिलाएं स्वीकार नहीं कर पाती हैं। इससे वह तनाव में रहने लगती हैं। ऐसे में परिवार का साथ मिलना जरूरी है।

यह हैं लक्षण
- ठीक तरीके से नींद न आना
- रात में बेचैनी होना और पसीना अधिक आना
- व्यवहार में अचानक बदलाव होना
- पेट से संबंधित दिक्कत
- जी मिचलाना और उल्टियां आना

जरा ध्यान दें
- पर्याप्त नींद लें
- योग और प्राणायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
- हड्डियां कमजोर न हो, इसके लिए दूध व दही का प्रयोग अधिक करें

मेनोपॉज की ये है सही उम्र
अक्सर महिलाओं के मन यह सवाल अटकता है कि मेनोपॉज यानि पीरिड्स बंद होने का सही उम्र क्या है। क्योंकि महिलाएं इस विषय पर परिवार के अलावा डॉक्टर्स से भी पूछने में झिझकती हैं। मेंस्ट्रूअल साइकिल का एंड होना एक नेचुरल प्रोसेस है जो महिलाओं को 40 की उम्र के बाद कभी भी हो सकता है। हालांकि इंडिया में आमतौर पर महिलाओं को 46 साल की उम्र में या इसके बाद ही होता है। जबकि एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएस में यह उम्र 51 से अधिक है।

सिर दर्द को भी न लें हल्के में
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ। महिमा उपाध्याय ने बताया कि मेनोपॉज के समय कभी-कभी सिर में तेज दर्द भी होने लगता है। इससे महिलाओं को तमाम दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जागरूक रहकर ही इन समस्याओं से बचा जा सकता है। कारण कि यह महिला जीवन में एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे होकर सभी को गुजरना है। इससे मानसिक और शारीरिक बदलाव भी होते हैं।

डेली रूटीन में शामिल करें एक्सरसाइज
मेनोपॉज के बाद महिलाएं नियमित एक्सरसाइज करें। इससे स्वास्थ्य ठीक रहने के साथ ही नींद अच्छी आएगी। योग से शरीर भी स्वस्थ्य रहेगा। कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं। इसलिए आहार में दूध, दही, अंडे आदि शामिल करें। मेनोपॉज के दौरान डिप्रेशन, स्ट्रेस, अकेले रहने की आदत और अनिद्रा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या होने पर चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें। उन्होंने कहा कि मेनोपॉज एक निश्चित उम्र के बाद होना निश्चित है। इसलिए इससे निजात नहीं पाया जा सकता है। हम जागरूक रहकर और जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे राहत जरूर पा सकते हैं।