आगरा(ब्यूरो)। इन्हीं सब बातों को लोगों तक पहुंचाने के लिए बुधवार को ताज नेचर वॉक में विश्व गौरैया दिवस मनाया गया। पर्यावरण प्रेमियों ने किले से ताज नेचर वॉक तक साइकिल चलाई। ताज नेचर वॉक में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों ने नारियल और घास से गौरैया के घोंसले तैयार करना सीखा। प्रतियोगिता में विजय बच्चों को वन विभाग के अधिकारियों ने प्रमाण पत्र व पुरस्कार दिए।

हर्बल रंगों के बारे में भी बताया
विश्व गौरैया दिवस पर पर्यावरण प्रेमियों ने किले से ताज नेचर वॉक तक साइकिल चलाई। इसके बाद परिसर में फोटोग्राफी प्रतियोगिता, पेङ्क्षटग, बर्ड नेस्ट कार्यशाला, टैटू एवं लीफ आर्ट समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर पारिजात स्वयं सेवी संस्था द्वारा नारियल एवं घास से गौरैया के घोसले तैयार करने और होली पर स्वयं के द्वारा हर्बल रंग घरेलू सामग्रियों से तैयार करना सिखाया गया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं समेत सभी प्रतिभागियों को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बी। प्रभाकर ने प्रमाण पत्र दिए। बी.प्रभाकर ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को गौरैया संरक्षण के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी आदर्श कुमार, अरङ्क्षवद कुमार मिश्रा उप प्रभागीय वनाधिकारी, दिशा ङ्क्षसह क्षेत्रीय वन अधिकारी, स्वयं सेवी संस्थाएं टीएसए फाउंडेशन इंडिया, ताज फोटोग्राफी क्लब, ताज साइकिङ्क्षलग, पारिजात के प्रतिनिधि, ललित कला अकादमी और कृष्ण प्रयाग इंटर कालेज के विद्यार्थी मौजूद रहे।

कैसे हुई थी विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत
हर साल 20 मार्च को नेचर फॉरएवर सोसाइटी (भारत) और इको-सिस एक्शन फ़ाउंडेशन (फ्र ांस) के सहयोग से विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत नासिक के रहने वाले मोहम्मद दिलावर ने गौरैया पक्षी की लुप्त होती प्रजाति की सहायता करने के लिए 'नेचर फॉरएवर सोसायटी' की स्थापना कर की थी। नेचर फॉरएवर सोसायटी ने हर साल 20 मार्च को 'विश्व गौरैया दिवस' मनाने की योजना बनाई गई। पहली बार साल 2010 में यह दिन मनाया गया था

गौरैया आपके घर में घोंसला बनाए, तो उसे हटाएं नहीं.
- रोजाना आंगन, खिड़की, बाहरी दीवारों पर दाना पानी रखें।
- गर्मियों में गौरैया के लिए पानी रखें।
- जूते के डिब्बे, प्लास्टिक की बड़ी बोतलेें और मटकी को टांगे, जिसमें वो घोंसला बना सकें।
- बाजार से आर्टिफिसियल घोंसले लाकर रख सकते हैं।
- घरों में धान, बाजरा की बालियां लटका कर रखें।