ब्लैकमेल करने की रची साजिश
वृद्ध ने बताया कि महिला ने तीन वर्ष पूर्व खुद को जरूरतमंद बताते हुए कुछ रकम मांगी थी। उसके ठाठ-बाट देख उन्होंने रुपए दे दिए। जिसके बाद उसने कई बार उनसे बड़ी रकम ली। इस दौरान उनसे नजदीकियां बढ़ा ली। जो ब्लैकमेल करने की साजिश थी। जिसके बाद उनसे निरंतर वसूली की जाने लगी। वह उनका रास्ता रोकने लगी।

बदनामी के चलते साधी चुप्पी
छानबीन करने पर पता चला कि महिला का पति कोई काम नहीं करता है। वह समाज में बदनामी के चलते चुप रहे थे। जिससे महिला का दुस्साहस बढ़ गया। पुलिस अधिकारी ने उन्हें तहरीर देने को कहा है। अभी तहरीर नहीं दी है। समाज मेें बदनामी के डर से रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।


प्रोफाइल देख बना रहे शिकार
सोशल मीडिया पर एक्टिव गैंग महिलाओं के जरिए लोगो को अपना शिकार बना रहा है, फेसबुक पर मैसेंजर के जरिए दोस्ती करने के बाद बिना कपड़ों के वीडियो कॉल एंजाय करने का ऑफर देते हैं, इसके चक्कर में फंसने वाले लोग हनी ट्रैप का शिकार हो जाते हैं।


इन महिलाओं पर हो चुकी है कार्रवाई

-जुलाई 2022 में हरीपर्वत पुलिस ने अंजली नाम की महिला और दो अधिवक्ताओं को जेल भेजा था। महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। राजीनामा करने को पांच लाख रुपए मांग रही थी।

-सितंबर 2022 में जगनेर पुलिस ने धौलपुर की महिला समेत तीन लोगों को जेल भेजा था। महिला ने अनाज मंडी के व्यापारियों को हनी ट्रैप में फंसाया था।

-जुलाई 2021 में एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के रहने वाले डाक्टर उमाकांत गुप्ता हनी ट्रैप का शिकार हो गए थे। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की।

-फरवरी 2020 में मंगला नाम की महिला ने अपने जाल में फंसाकर मित्रता की। मिलने के बहाने बाईपास पर बुलाया। उसके साथी डाक्टर को अगवा कर धौलपुर ले गए थे।


सोशल मीडिया पर हनी ट्रैप में लोगों को फंसाने के लिए गैंग एक्टिव है, जो दोस्ती की आड़ में लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। सोशल मीडिया पर किसी अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें, अलर्ट रहे।
सुल्तान सिंह, प्रभारी साइबर सेल