माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 15508 पदों पर करानी है नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने दिया है 21 जुलाई तक भर्ती पूरी कराने का आदेश, अभी तक जारी नहीं हुआ है विज्ञापन

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PRAYAGRAJ: माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। खास तौर से तब जबकि तीन साल पहले नए अध्यक्ष व मेंबर ज्वाइन कर चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक कोई नयी वेकेंसी नहीं घोषित हुई है। इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर छह माह के भीतर टीजीटी-पीजीटी की सबसे बड़ी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर पाने पर सवाल खड़े हो गए हैं। जनवरी माह के आधे से ज्यादा दिन बीत चुके हैं और अब तक विज्ञापन तक नहीं आया है।

कोर्ट ने दिया है नियुक्ति देने का आदेश

तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चयन बोर्ड को नए विज्ञापन के अन्तर्गत भर्तियों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने टीजीटी-पीजीटी के भर्ती प्रक्रिया को पूरा करते हुए चयनितों को 21 जुलाई 2021 तक नियुक्ति देने की बात कही है।

जबकि जनवरी का महीना आधा बीतने को है, और अभी तक विज्ञापन जारी नहीं हो सका।

ऐसे में विज्ञापन जारी करना, आवेदन लेना, लिखित परीक्षा कराना और पीजीटी अभ्यर्थियों का इंटरव्यू कराकर उनको नियुक्ति देने की पूरी प्रक्रिया खत्म करने के लिए चयन बोर्ड के पास लगभग पांच माह ही है।

पेंडिंग भर्तियां भी नहीं हो सकी क्लीयर

प्रिंसिपल इंटरव्यू 2011 में भी कई मंडलों के टीचर्स का इंटरव्यू पेडिंग है।

टीजीटी कला के 424 पद एवं टीजीटी हिंदी के 1246 पद का अंतिम परिणाम अभी तक नहीं जारी हो सका।

प्रवक्ता कला व प्रवक्ता नागरिक शात्र के रिजल्ट भी अभी तक जारी नहीं हो सके।

सामाजिक विज्ञान बालक एवं बालिका वर्ग में 1099 पदों का इंटरव्यू अभी तक पेंडिंग है।

विज्ञापन निरस्त होने के ये थे प्रमुख कारण

- तदर्थ शिक्षकों की लिखित परीक्षा का अंक 465 नम्बर था, तथा 35 अंक उन्हें भारांक मिलना था। कुल 500 अंकों की लिखित परीक्षा होनी थी, जबकि नए प्रतियोगियों को पूरे अंको के लिए फाइट करने की व्यवस्था रखी गई थी। ऐसे में तर्दथ शिक्षकों ने कोर्ट में रिट दायर कर दी। जिसके कारण बोर्ड को विज्ञापन निरस्त करना पड़ा।

- चयन बोर्ड द्वारा जारी विज्ञापन में जीव विज्ञान विषय को शामिल नहीं किया गया था। जिसके कारण विज्ञापन निरस्त करना पड़ा।

- चयन बोर्ड के विज्ञापन का इंतजार है। अभी तक नया विज्ञापन जारी नहीं होने से प्रतियोगी परेशान है। बोर्ड को शीघ्र विज्ञापन जारी करना चाहिए।

राजीव रमन

- लंबे समय से चयन बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं। नए अध्यक्ष के आने से उम्मीद बढ़ी थी, लेकिन ये पहले के अध्यक्षों से भी कम सक्रिय दिख रहे हैं।

राकेश कुमार

लास्ट इयर विज्ञापन आया तो उम्मीद जगी, लेकिन फिर से उस पर पानी फिर गया। पांच महीने ही भर्ती को पूरा करने के लिए बचे है।

चन्द्रभान

- कोर्ट के आदेश पर जुलाई तक विज्ञापन निकालकर भर्ती पूरी करते हुए नियुक्ति पत्र देना है। पर विज्ञापन जारी नहीं हुआ। अब उम्मीद टूट रही है।

अमित यादव

- चयन बोर्ड को संशोधित विज्ञापन अति शीघ्र जारी कर देना चाहिए। जिसे प्रतियोगी छात्रों में नौकरी पाने की एक उम्मीद बनी रहे।

विक्की खान

- चयन बोर्ड में हमेशा ही वर्किंग को लेकर ढिलाई की स्थिति बनी रहती है। प्रतियोगियों की उम्र लगातार बढ़ रही है, उन्हें ओवर एज का भी डर है।

दुर्गेश कुमार