-एक महिला और एक पुरुष की कोरोना से हुई मौत

-एसआरएन हॉस्पिटल में चल रहा था दोनों का इलाज

PRAYAGRAJ: कोरोना जानलेवा हो चला है। रविवार को इस बीमारी से दो मरीजों की जान चली गई। इनका एसआरएन हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। इनमें से कैंट की रहने वाली 70 साल की महिला ब्लड प्रेशर और 46 साल का पुरुष कैंसर से पीडि़त थे। दोनों कोरोना की चपेट में आने के बाद इलाज के लिए भर्ती किए गए थे, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।

दिल्ली से आया था युवक

कैंट निवासी बुजुर्ग तीन जुलाई शुक्रवार को एडमिट हुई थी। शनिवार को सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया गया। लेकिन देर रात करीब दो बजे दम तोड़ दिया। रात में ही शव बॉडी बैग में पैक करवाकर कोविड पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया फिर रविवार को पूरी अलर्टनेस के साथ क्रिमेशन करा दिया गया। डॉक्टर के मुताबिक उन्हें पहले से ब्लड प्रेशर व सांस की बीमारी थी। संक्रमित होने के बाद हालत और बिगड़ गई। वहीं मृत युवक दिल्ली में रहता था। पांच दिन पहले संक्रमित हुआ तो प्रयागराज आ गया। फैमिली मेंबर्स ने एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार शाम तबियत बिगड़ी तो वेंटीलेटर पर रखा गया। रविवार की अल सुबह मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली में युवक का कैंसर का इलाज चल रहा था।

अब तक 13 की गई है जान

कोरोना से जिले में अब तक 13 मरीजों की जान जा चुकी है। जबकि रविवार को कुल 27 नए मरीजों ने दस्तक दी। लाख कोशिशों के बावजूद मरीजों के आने की रफ्तार थम नहीं रही है। वहीं एसआरएन हॉस्पिटल से 13 मरीजों को डिस्चार्ज किया जाना राहत भरी खबर रही। कोटवा से एक भी मरीज को घर नहीं भेजा सका है।

एसआरएन में पेशेंट की हुई डायलिसिस

एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना मरीजों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि कोरोना पीडि़त 22 साल की युवती की किडनी की बीमारी के चलते डायलिसिस कराई गई है। जबकि अभी तक आधा दर्जन से अधिक कोरोना पीडि़त महिलाओं की आपरेशन के जरिए डिलीवरी कराई जा चुकी है।

आज से दो टीमें करेंगी काम

कोटवा हॉस्पिटल में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए सोमवार से दो टीमों को इलाज में लगाया गया है। अभी तक 70 बेड के कोटवा में कुल मरीजों की संख्या 60 से अधिक पहुंच चुकी है। ऐसे में डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम को लगाया गया है। जिससे मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा सके।

रेलवे हॉस्पिटल को सोमवार से शुरू किया जा रहा है। इसे एल वन हॉस्पिटल की तर्ज पर ट्रीट किया जाना है। जबकि कोटवा में दस बेड बढ़ाए गए हैं।

-डॉ। वीके मिश्रा, नोडल, कोटवा हॉस्पिटल