प्रयागराज ब्यूरो ।बस से स्कूल जाने वाला आपका बच्चा कितना सुरक्षित है? यह कभी सोचा है। नहीं तो एलर्ट हो जाइए। जिस बस से वह स्कूल जाता है उसकी तरफ एक नजर भी डाल लीजिए। क्या वह कंडम तो नही, सुरक्षा के सभी पैरामीटर्स को वह पूरा कर रही है या नहीं। इसे नजर अंदाज मत करिए। क्योंकि शहर की सड़कों पर दो सौ से अधिक ऐसी स्कूल बसें चल रही हैं जो अनफिट हैं और नोटिस दिए जाने के बावजूद स्कूल व बस आपरेटर ध्यान नही दे रहे हैं।

हजारों बच्चों को ढो रही हैं सैकड़ों बसें

रोजाना सैकड़ों बसे हजारों बच्चों को स्कूल ले जा रही हैं। आंकड़ों पर जाएं तो कुल 1800 बसें जिले में चल रही हैं। यह विभिन्न स्कूलों से जुड़ी हैं। इनमें से 280 बसों को अनफिट करा दे दिया गया है। जब तक यह मानक पूरा नही करेंगी, इनको हरी झंडी नही दी जाएगी। बावजूद इसके यह बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं। बदले में विभाग का कहना है कि हमारी ओर से लगातार नोटिस दी जा रही है। सड़कों पर बिना फिटनेस प्रमाण पत्र चलते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बुधवार को हुआ था हादसा

बता दें कि उतरांव के खोदायपुरा गांव में गुरुवार को एक हादसे में बीस बच्चों की जान बाल बाल बची थी। वहां एक निजी स्कूल की बस स्टेयरिंग फेल हो जाने से खेत में चली गई थी। हालांकि इस हादसे में किसी की जान का नुकसान नही हुआ। लेकिन सवाल यह है कि इस बस को स्कूल में अटैच कराने की अनुमति किसने दी थी। इसकी फिटनेस की जांच का स्टेटस क्या है? अगर हादसे में किसी बच्चे को नुकसान पहुंचता को इसका जिम्मेदार कौन होता? देखा जाए तो अक्सर स्कूल बसों के साथ ऐसी घटनाए सामने आती रहती हैं।

कंडम बसों के संचालन पर रोक

आरटीओ का कहना है कि जांच के दौरान 115 बसों को कंडम घोषित किया जा चुका है। इनको सड़क पर चलाने से मना किया गया है। बावजूद इसके अगर यह संचालित होती पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने स्कूल बसों को लेकर कई नियम बनाए हैं और इनका पालन नही किए जाने पर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। विभाग का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद अभियान चलाकर स्कूल बसों की जांच की जाएगी।

हम साल में तीन बार नोटिस भेजते हैं। इसके बाद भी मानकों को पूरा नहीं

किए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। कंडम बसों के सड़क पर चलते पाए जाने पर उसे सीज कर दिया जाएगा। चुनाव के बाद अभियान चलाया जाना है।

राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन प्रयागराज