प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यही कारण है कि पहले तक जहां सिर्फ व्यावसायिक दृष्टि से ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते थे। वहीं अब इनका घरेलू इस्तेमाल भी बढ़ चुका है। व्यापारियों का कहना है कि लोगों की अनसिक्सोर वाली फिलिंग ने सीसीटीवी कैमरे की मार्केट में रफ्तार ला दी है। जिसके चलते डेढ़ महीने में सिटी के अंदर 32 लाख से अधिक का व्यापार हुआ है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में कैमरा लगवाने व बेचने वालों ने बताया अपनों की सुरक्षा के साथ अन्य चीजों की निगरानी हेतु कैमरा लगवा रहे हैं।

सीपी प्लस व बुलेट कैमरे की डिमांड
कोरोना काल में जहां मोबाइल मार्केट ने रफ्तार पकड़ी थी। वहीं पिछले एक सालों में सीसीटीवी कैमरे की मांग पचास प्रतिशत तक बढ़ गई है। सुरक्षा के लिहाज से पहले तक चौराहों, मार्केटों, शॉपिंग मॉल्स व कार्यालयों में ही लगवाए जाते थे। लेकिन अब घरों के अंदर व बाहर भी सीसीटीवी कैमरे मिल जाएंगे। ये पूरी तरह से सुरक्षा की दृष्टि से ही लगवाए जाते है, जैसे घर की बहन-बेटियां की सुरक्षा के लिए तो वहीं बुजुर्ग या बच्चा घर में अकेले हों तो उसकी देखरेख और सुरक्षा के लिए लोग कैमरे लगाए जाने लगे है। लोग कैमरे को मोबाइल से कनेक्ट कर लेते है। इससे वे कहीं पर भी हों, घर पर निगाह रख लेते है। इन दिनों डिमांड इतना है कि मार्केट से सीपी प्लस व बुलेट कैमरा दुकानों के स्टॉक तक में नहीं है।

नए मकानों में सीसीटीवी कैमरे के लिए अंडरग्राउंड वायरिंग
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में शहर के सीसीटीवी कैमरे के डीलर्स बताते है कि लोग अब सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर जागरूक हो चुके हैं। इसी कारण अब नए मकानों में ही अंडरग्राउंड वायरिंग करा लेते हैं या वायरिंग करा छोड़ देते हैं ताकि जब जरूरत पड़े तब वे इसका इस्तेमाल कर सकें। हाल में कई केस ऐसे भी सामने आये थे। जहां पहले से लोगों के घरों में वायरिंग हो रखा था। सिर्फ कैमरा लगवाना था। जैसे लोग बाथरूम में गीजर लगवाने के लिए पानी व बिजली का कनेक्शन, कमरे में एसी का कनेक्शन देकर छोड़ देते है। वैसे ही अब लोग सीसीटीवी कैमरे का वायरिंग करा छोड़ दे रहे है। क्योंकि लोगों को मालूम है। आने वाले वक्त में तीसरी आंख की जरूरत पड़ेगी।

नए मकानों में 80 प्रतिशत लोग सीसीटीवी कैमरे लगवा रहे हैं। वहीं, कैमरा 4 से 5 साल चल जाता है। लोग हाई डेफिनिशन और आईपी यानी इंटरनेट के माध्यम से चलने वाला जिसे कहीं से भी देखा जा सकता है लगवाना पसंद कर रहे हैं। इस बीच देखा जाये तो डिमांड के साथ ही मार्केट ने रफ्तार पकड़ी है।
धनंजय सिंह, कंप्यूटर अस्पताल शॉप ओनर (व्यापार मंडल अध्यक्ष)

2 मेगा पिक्सल से लेकर 4 व 5 मेगा पिक्सल और 20 मीटर व अधिक का क्षेत्र दिखा सकता है, वह लेना चाहते हैं। लोगों के लिए अपनों की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है। इसलिए पैसा नहीं देखते हैं। कई छोटी बड़ी घटनाओं में कैमरा का अहम रोल रहा है।
रेहान, द मिलटेलिंक शॉप मैनेजर

एक शख्स ने घर के बाहर रोजाना कूड़ा फेंकने वालों को पकडऩे के लिए कैमरा लगवाना था। आसपास के लोगों को बिना देखे टोकने पर लड़ाई हो जाती थी। इसलिए वे कैमरा लगवाने आये थे। एक और ऐसा ही केस आया था। वे दूध व्यापार करते है। शाम को दूध लेते वक्त भीड़ में कोई पैसा देता तो कोई बिना दिए ही चला जाता। उसे पकडऩे के लिए कैमरा लगवाया।
आफताब हुसैन, अनु इंटरप्राइजेज

एक साल में पचास प्रतिशत तक सीसीटीवी कैमरे का व्यापार बढ़ा है। इससे पहले दुकान पर एक महीने में दो-चार लोग आफिस व बैंक में कैमरा लगवाने आ जाए बहुत बड़ी बात है। अब दिन भर में एक दो कैमरा लगवाने वाले आते है। इसमें ज्यादातर घर में लगवाने वाले होते है। एक तरह से कहा जाए। घर पर कैमरा लगवाना ट्रेंड हो गया है।
मेराज खान, द आईटी जोन शॉप ओनर