प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बता दें कि सोना कमोडिटी में आता है और शेयर मार्केट इक्विटी में। अगर सोना महंगा होता है तो इसका मतलब है कि महंगाई बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में शेयर मार्केट अपने अप डाउन होने लगती है। जैसे ही सोने में उछाल कम होने लगेगी, शेयर मार्केट में वापस उछाल आने लगेगा। जानकारों का कहना है कि अगले दो से तीन दिन में शेयर मार्केट वापस अपने लेवल पर आ जाएगी। जबकि सोने के रेट स्थिर हो जाएगा।

एक माह में दो बार लगाई छलांग
सोना नए साल में दो बार अपनी हाईप पर जा चुका है। इसके पहले 20 जनवरी को सोने का रेट सर्वाधिक 57 हजार 50 रुपए पहुंचा था। इसके बाद फिर से बुधवार को हाईप पर जा पहुंचा। जानकारों का कहना है कि इस माह के अंत तक 64 हजार रुपए तक सोने का रेट जा सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण नए नियमों को लेकर सरकार की सख्ती है। देश के तमाम शहरों में लगातार छापेमारी चल रही है। इसके अलावा डालर का रेट लगातार मार्केट में गिर रहा है। इससे भी सोना महंगा हो रहा है।

पिछले दस दिनों का सोने का रेट
24 जनवरी 57400
23 जनवरी 56850
22 जनवरी 56800
21 जनवरी 56850
20 जनवरी 57050
21 जनवरी 56650
19 जनवरी 56700
18 जनवरी 56750
17 जनवरी 56450
16 जनवरी 56200
15 जनवरी 55650

24 दिन में 2477 रुपए की बढ़त
यह महीना सोने की कीमतों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है। अब तक सोना 2,477 रुपए महंगा हो चुका है। इस महीने की शुरुआत में ये 54 हजार 935 रुपए पर था, जो अब 57 हजार 400 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। साल के आखिर तक यह 64 हजार तक जा सकता है। वही चांदी के दाम में मंगलवार को गिरावट देखने को मिली। बाजार में ये 267 रुपए कमजोर होकर 68 हजार 6 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई है।

सहालग में भी नही आ रहे ग्राहक
व्यापारियों का कहना है जब तक सोने का भाव नार्मल नही होगा, ग्राहक खरीदारी से दूर रहेंगे। उनका कहना है कि सोने की हालमार्किंग को अनिवार्य किए जाने के बाद मार्केट में अवैध सोना रखना मुश्किल हो गया है। इस पर सरकार नजर रख रही है। छापेमारी से व्यापारी डरे हुए हैं। इसलिए आसमान छू रहा है।

यह भी है मार्केट का गणित
एक्सपट्र्स की नजर में बजट आने से पहले शेयर मार्केट में इस तरह का स्टंट देखने को मिलता है। कमोडिटी के रेट बढ जाते हैं और इक्विटी डाउन होने लगती है। ऐसे में जनता में खलबली मचने लगती है। फिर जैसे ही बजट आता है तो शेयर मार्केट वापस अपने लेवल पर आ जाती है और कमोडिटी स्थित हो जाती है। जिससे यह कहा जाता है कि बजट बहुत अच्छा पेश हुआ जिसकी वजह से इक्विटी और कमोडिटी सामान्य हो गई।

सोने का दाम लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह स मार्केट में सन्नाटा है। ग्राहक बाजार आने से बच रहे हैं। उनका बजट कम हो गया है और रेट अधिक हो गए हैं। अभी सोने का रेट 64000 तक जा सकता है।
दिनेश सिंह अध्यक्ष इलाहाबाद बुलियन व ज्वैलर्स एसोसिएशन

हमलोग भी इंतजार कर रहे हैं कि कब सोने का दाम कम होगा। इसके बाद मार्केट में हरियाली आने की उम्मीद है। जनवरी में सोने का भाव सरपट दौडऩे से व्यापारियों में चिंता पसर गई है।
निखिल सिंह ज्वैलरी व्यापारी

अगर सोने के दाम बढ़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि महंगाई बढ़ रही है, क्योंकि अर्थव्यवस्था सोने पर ही टिकी हुई है। ऐसे में शेयर मार्केट का गिरना आम बात है। इसमें चिंता की बात नही है। जल्द ही दोनों के हालात सामान्य हो जाएंगे।
प्रमोद कुमार यादव शेयर मार्केट स्पेशलिस्ट

ऐसा नही है। सोने के रेट बढऩे और शेयर मार्केट में कमी आने की वजह डालर की कीमतों का गिरना भी हो सकता है .हालांकि कमोडिटी और इक्विटी आपस में लिंक हैं। अगर सोने का रेट बढ़ेगा तो शेयर मार्केट में गिरावट आना तय है।
सोमेंद्र शर्मा शेयर मार्केट स्पेशलिस्ट