प्रयागराज ब्यूरो । डायोसिस ऑफ लखनऊ के पूर्व बिशप पीटर बलदेव जिन्हे चर्च ऑफ नार्थ इंडिया नई दिल्ली द्वारा बिशप पद से 06 मार्च 2023 से बर्खास्त कर दिया गया था, ने सिविल कोर्ट में अपनी बर्खास्तगी के विरुद्ध सिविल सूट वाद संख्या-247/2023 दाखिल करके बर्खास्तगी आदेश को चुनौती दी थी। इस पर सिविल जज ने 06 अप्रैल 2023 को अंतरिम निषेधाज्ञा प्रदान करते हुए पीटर बलदेव को राहत प्रदान की थी। गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बिशप दान के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए पीटर बलदेव का सूट खारिज कर दिया। उन्हें कोर्ट ने बर्खास्त कर्मचारी ही माना है। इस फैसले के बाद पीटर बलदेव का विशप पद पर दावा समाप्त हो गया है।

चर्च ऑफ नार्थ इंडिया से वेतन प्राप्त कर रहे थे
स्टे आर्डर आने के बाद चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की और से वाद की पैरवी कर रहे वर्तमान बिशप मोरिस एडगर दान द्वारा दाखिल, सीपीसी 7(11) के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना की पीटर बलदेव एक कर्मचारी थे जो चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के द्वारा नियुक्त थे। उन्होंने मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन पर हस्ताक्षर किया था जिसमे यह स्पस्ट है की वे चर्च ऑफ नार्थ इंडिया से वेतन प्राप्त कर रहे थे। ऐसी स्थिति में मास्टर और सर्वेंट के बीच एक प्राइवेट कांट्रैक्ट था उस पर निषेधाज्ञा नहीं दी जा सकती और जब किसी मामले में स्थायी राहत नहीं दी जा सकती तो ऐसा सूट चलाये जाने के योग्य नहीं है। यह आदेश सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को बिशप दान के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए पीटर बलदेव का सूट खारिज कर दिया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों को उद्घृत करते हुए पीटर बलदेव द्वारा दाखिल सिविल वाद को पोषणीय नहीं माना। इस आदेश से बिशप दान को बड़ी राहत मिली है।


कर्मचारी यूनियन ने दी बिशप मोरिस दान को बधाई
सीएनआई प्रयागराज में लंबे समय से चल रहे निष्कासित बिशप पीटर बलदेव और सीएनआई के बीच विवाद में गुरुवार को सिविल जज द्वारा पीटर बलदेव की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिये जाने पर बिशप मोरिस दान के कार्यालय में जश्न मनाया गया। मिठाइयाँ बाँटी गई और ढोल नगाड़े बजाये गये। डायोसिस ऑफ लखनऊ कर्मचारी यूनियन संघ ने बिशप मोरिस एडगर दान की जीत पर बिशप से आशीर्वाद लेकर एक दूसरे को मिठाई बाँटी। कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा ने इस आदेश को कर्मचारियों की जीत बताया साथ ही यह भी कहा कि लंबी लड़ाई लडऩे के बाद लखनऊ डायोसिस को भ्रष्टाचार से निजात मिली है। यह जीत मात्र एक जीत नहीं बल्कि उनके साथ भी न्याय हुआ है जिन्होंने बिशप मोरिस दान के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। बधाई देने वालों में राकेश कुमार, संजय, जीतलाल, विजय कुमार आर्ची तिमोथी, उदित मोहन श्रीवास्तव राजीव प्रसाद आकाश त्रिपाठी, सुनील कुमार वर्मा रेनू वर्मा राकेश कुमार, अमित मैकार्टी, संपत भारत लालचंद बालीसंजय कुमार सदाशिव जीत लाल शामिल थे।