प्रयागराज (ब्‍यूरो)। महाकुंभ के ट्रायल के तौर पर इस बार आयोजित माघ मेला में लग रही आग फायर ब्रिगेड के लिए बड़ी चुनौती बनी है। संकेत दे रही है कि कुंभ के दौरान इस मोर्चे पर तैयारी को और बड़ा करना जरूरी है। मेले में आने वालों को अॅवेयर करना जरूरी है कि आग से बचें कैसे। इस माघ मेले में वैसे तो आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन तीन घटनाओं ने चुनौती खड़ी की है। इसमें सामान तो जलकर राख हुआ ही आठ लोग झुलस भी गये। इसमें से एक को अपनी जान भी गंवानी पड़ चुकी है। सोमवार को एक बार फिर गैस सिलेंडर के फटने से खाक चौक स्थित सतुआ बाबा आश्रम के सामने रामतीर्थ भक्तमाल शिविर में लगी आग लग गई। शिविर में लगी आग से कल्पवासियों के आठ टेंट जलकर राख हो गए। टेंट में रखा सारा सामान भी जल गया। इस धमाके की गूंज इतनी जोरदार थी कि आसपास के लोग दहल गये।

गनीमत रही कि नहीं फटे तीन सिलेंडर
रामतीर्थ भक्तमाल शिविर स्थित एक टेंट से सोमवार शाम करीब 6:15 बजे उठ रहे धुआं को देखकर कल्पवासी कुछ समझ पाते इसके पहले आग भड़क गई। आग की लपटों को देखकर दहशतजदा कल्पवासी जान बचाकर भागने लगे। तब तक आग टेंट में रखे दो गैस सिलेंडर में जा लगी। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो आग से गैस सिलेंडर ब्लास्ट कर गया। गैस सिलेंडर के धमाके की आवाज सुनकर शिविर के सभी कल्पवासी व संत टेंट से निकल कर बाहर की तरफ भागकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए। शिविर की तरफ बढ़ रहे लोगों को आग से गैस सिलेंडर फटने की सूचना देकर कल्पवासी रोकते रहे। एक के बाद एक दो गैस सिलेंडर फटने से शिविर के आसपास लगे दूसरे शिविरों में मौजूद श्रद्धालु व कल्पवासी खौफजदा हो गए। तेज धमाके से मेला क्षेत्र में खलबली मच गई। खबर मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई टीमों के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे। फायरकर्मियों ने टेंट में रखे तीन गैस सिलेंडरों को बाहर निकालते हुए आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। करीब दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग बुझने तक शिविर के आठ टेंट और उसमें रखे कल्पवासियों व संतों के सामान जलकर राख हो गए। आग की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी मेला क्षेत्र में कल्पवासियों के शिविरों में आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में किन्नर अखाड़ा के शिविर में रहे तीन श्रद्धालु झुलस गए थे। इसमें से करेली एरिया निवासी एक शख्स की मौत हो गई थी। जबकि दिल्ली निवासी झुलसे दो श्रद्धालुओं का इलाज दिल्ली के हॉस्पिटल में चल रहा है।

केस-1
माघ मेला क्षेत्र में 12 फरवरी को दंडी स्वामी नगर स्थित मठ मछली बंदर के पंडाल में शाम के समय आग लग गई थी। आग बुझाने के दौरान चंद्रमा आश्रम, नारायण आश्रम व एक विद्यार्थी मामूली रूप से झुलस गए। खबर पाकर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंचकर किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक एक टेंट, तीन छोलदारी, संतों का सामान व बाइक जल गई। आग कैसे लगी, यह साफ नहीं हो सका है।

केस-2
झूंसी साइड स्थित किन्नर अखाड़े में भी नौ फरवरी को टेंट में भीषण आग लग गई थी। इस घटना में ढोलक बजाने वाले करेली एरिया के एक शख्स की मौत हो गई थी। जबकि दिल्ली से आए दो श्रद्धालु भी झुलस गए थे। इलाज के लिए तीनों को एसआरएन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। सूचना पर पहुंचे परिजन दो घायलों को लेकर दिल्ली चले गए। जबकि करेली एरिया के ढोलकिया की इलाज के दौरान यहां मौत हो गई थी।

केस-3
माघ मेला पांटूनपुल से अंदर झूंसी साइड डंडी सन्यासी के शिविर में छह फरवरी को आग लगी थी। हालांकि यहां लगी आग फैलती इसके पहले कल्पवासियों ने ही आग पर काबू पा लिया था। फिर भी इस घटना में एक कल्पवासी का टेंट व उसमें रखा पूरा सामान जलकर राख हो गया था। चूंकि जब आग लगी कल्पवासी टेंट के बाहर थे, लिहाजा किसी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ।

गैस सिलेंडर लीकेज व पूजा के लिए जलाए गए दीप से आग लगने का अनुमान है। शिविर में रहने वाले सभी कल्पवासी सुरक्षित हैं। टेंट में रखे कल्पवासियों के सामान का नुकसान हुआ है।
सुभाष चौधरी
मुख्य अग्निशमन अधिकारी, माघ मेला