प्रयागराज (ब्‍यूरो)। युवा शायर इम्तियाज अहमद गाजी की पुस्तक 'फूल मुखातिब हैंÓ नया रिकार्ड बनाने की ओर अग्रसर है। इस किताब को 'इंडिया बुक ऑफ रिकार्डÓ में दर्ज कर लिया गया है। 'गिनीज बुक ऑफ वल्र्डÓ में दर्ज होने की प्रक्रिया में है। रिकार्ड दर्ज करने के लिए गिनिज बुक कमेटी की तरफ से पड़ताल की जा रही है।

फूलों में शेर की इकलौती किताब
इस किताब में इम्तियाज अहमद गाजी ने 'फूलÓ पर 301 शेर लिखा है। उर्दू और हिन्दी शायरी की दुनिया में अब तक किसी भी शायर ने फूल पर इतने शेर नहीं लिखा है। किताब के बारे में मशहूर मुनव्वर राना ने लिखा है-'शायरी में नेचर से दूर होते हुए मौसम में कुछ सरफिरे हैं जो आज भी गजल की शाखों पर शेरों के फूल खिलाते रहते हैं। किसी एक टॉपिक पर 301 शेर लिख देना, मुश्किल ही नहीं बहुत मुश्किल काम है। इम्तियाज के उगाए हुए फूलों से उनके जज्बे और तहजीब की खुशबू आती है। सच पूछिए तो मुझे रश्क महसूस हुआ कि कागज पर लिखना, फिर इन फूलों से खूश्बूदार इत्रकशीद कर देने का हुनर इस नौजवाना के पास कैसे आ गया.Ó गीतकार इब्राहीम अश्क ने इस किताब में बारे में लिखा है-'फूल जैसे एक ही मौजूद पर अलग-अलग अंदाज से शेर कहना और नये-नये मानी पैदा करना हर किसी के बस की बात नहीं है। इम्तियाज गाजी ने फूल पर हर शेर नए जाविए से कहा है और उसे गुल-ए-सदरंग बना दिया है। इनकी यह किताब इल्मो-अदब की दुनिया में एक नायाब तोहफे की तरह है.Ó डॉ। बशीर बद्र का कहना है-'इम्तियाज गाजी आधुनिक दौर के काबिले-कद्र शायर हैं। इनकी शायरी में विभिन्न रंग और आवाज मौजूद है.Ó एक्ट्रेस शबाना आज़मी के मुताबिक-'इम्तियाज गाजी की शायरी उनकी मिट्टी की महक आती है इसलिए वो आपके दिल में उतर आते हैं। इनकी शायरी में सच्चाई कूट-कूटकर भरी है। आज ऐसी ही शायरी की जरूरत है.Ó