प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर के चौक इलाके में स्वच्छता अभियान के लगाए जा रहे हर घर शौचालय का नारा निरर्थक साबित हो रहा है। लाखों की आबादी वाले इस व्यापारिक इलाके में वर्षों पूर्व बना मात्र एक ही टॉयलेट है, वह भी पुरुषों के लिए। यहां महिलाओं के लिए आज तक टॉयलेट का निर्माण नहीं कराया जा सका। जबकि हर रोज यहां सामानों की खरीदारी करने के लिए सैकड़ों की संख्या में महिलाएं आती हैं। महिलाओं के लिए पिंक टायलेट बनाने का कंसेप्ट भी चौक इलाके में फ्लाप दिखाई दे रहा है। नगर निगम के जिम्मेदार चौक इलाके में टॉयलेट बनवाना मुनासिब क्यों नहीं समझ रहे हैं? इस सवाल को लेकर व्यापारी काफी परेशान हैं।

लाखों की आबादी और टॉयलेट मात्र एक
चौक एरिया में करीब पचास हजार से भी अधिक दुकानें बताई जाती हैं। इनमें कपड़ा, ज्वैलरी, सौंदर्य प्रसाधन, खाद्य सामग्रियों, बर्तन आदि सामानों की दुकानें शामिल हैं। हर दुकान में मालिक सहित दो से तीन लोग काम किया करते हैं। व्यापारियों की इन बातों पर गौर करें और एक दुकान में तीन लोग भी मान लिया जाय तो करीब डेढ़ लाख लोग तो चौक में केवल दुकानों के संचालन का काम करते हैं। सुबह से देर रात तक यहां आने वाले महिला, पुरुष ग्राहकों की संख्या भी करीब एक डेढ़ लाख तक होती है। मतलब यह हुआ कि प्रति दिन सुबह से देर रात तक चौक में लगभग तीन लाखों लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। व्यापारियों की इन बातों को सच मान लिया जाय तो नगर निगम के जिम्मेदार हर रोज इन तीन लाखों की सुविधाओं को लेकर चौक की उपेक्षा करते आ रहे हैं। बताते हैं कि एक यूरिनल बेसिन बनाया गया था, जिसे नगर निगम के द्वारा ही तोड़े जाने के बाद दोरा कहीं और निर्माण नहीं कराया गया। ऐसे में यहां खरीदारी के लिए आने वाली महिला ग्राहकों को काफी दिक्कत हो रही है।

चौक एरिया की आबादी लाखों में हैं। कम से कम एक लाख के आसपास दुकानें हैं। बावजूद इसके यहां शौचालय की संख्या नगण्य है। करीब साल भर पूर्व यहां यहां बनाए गए एक यूरिनल बेसिन को खुद नगर निगम ने तोड़ दिया था। उसके अलावा एक शौचालय था जो काफी दूर है। ऐसे में चौक आने वाले पुरुषों व महिलाओं को काफी दिक्कत होती है। फिर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दिनेश सिंह, अध्यक्ष ज्वैलर्स एसोसिएशन प्रयागराज

चौक में केवल शहर और जिले के ही नहीं बल्कि गैर जनपदों के लोग भी खरीदारी के लिए आते हैं। यहां यूरिनल और शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से लोगों सिर्फ आने वाले ग्राहकों को ही नहीं व्यापारियों को भी काफी दिक्कत होती है। नगर निगम के द्वारा इतनी बड़ी आवादी वाले एरिया में यूरिनल बेसिन और टायलेट बनवाना मुनासिब नहीं समझ रहे। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी यहां महिलाओं को होती है। चौक में एक भी पिंक या महिला टायलेट नहीं है।
सुमित जडिय़ा, व्यापारी चौक

शहर का चौक इलाका व्यापारिक ही नहीं आबादी की दृष्टि से भी काफी बड़ा एरिया है। सुबह से देर रात यहां पब्लिक की मौजूदगी बनी रहती है। फिर भी यहां शौचालय का निर्माण नहीं कराया जाना चौक इलाके की उपेक्षा को दर्शाता है। नगर निगम को चाहिए कि अधिकारी ध्यान दें और इस व्यापारिक प्लेस में महिला और पुरुष दोंनो के लिए टॉयलेट का निर्माण कराएं। सरकारी खुले में शौच मुक्त भारत का सपना देख रही है। मगर चौक इलाके में जिम्मेदार ही उस सपने को तोडऩे पर लगे हैं।
कादिर, व्यापारी चौक

हर घर शौचालय और स्वच्छता का नारा सरकारें दे रही हैं। अधिकारी व नगर निगम प्रचार पर लाखों रुपये भी खर्च कर रहे हैं। फिर भी नगर निगम के जिम्मेदारों को चौक एरिया में शौचालय की समस्या नजर नहीं आ रही है। ऐसी स्थिति में व्यापारियों के साथ यहां आने वाले ग्राहकों को भी काफी परेशानी होती है। सबसे ज्यादा दिक्कत चौक आने वाली महिलाओं को होती है। नगर निगम के लोग चौक की उपेक्षा क्यों कर रहे हैं? इस यह बात समझ में नहीं आती।
पंकज सिसोदिया, व्यापारी चौक