प्रयागराज ब्यूरो । सीसीटीवी फुटेज में उमेश पाल और उनके सरकारी गनर पर गोली चलाने वाले दिन गली की नुक्कड़ पर स्थित दुकान से निकलकर फायरिंग करने वाला मेरा बेटा गुलाम ही था। उसने टोपी पहन रखी थी। उसने पूरे परिवार को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई और वह मारा गया तो हम उसकी बॉडी लेने पोस्टमार्टम हाउस भी नहीं जाएंगे। ये बातें सोमवार को रसूलाबाद में सालों पहले बनवाये गये मकान को पीडीए द्वारा ढहाये जाने की कार्रवाई को देखकर फफक पड़ी गुलाम की बूढ़ी मां ने कही।

भाई बोला, पीडीए ने गलत नहीं किया
सोमवार को उमेश पाल हत्याकांड में शामिल पांच लाख के इनामी शूटर मोहम्मद गुलाम के अवैध निर्माण को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की टीम ने जेसीबी लगाकर ध्वस्त करा दिया। इस मकान में तीन भाइयों का हिस्सा था। परिवार के लोगों ने सिर्फ गुलाम का हिस्सा गिराने की गुजारिश की लेकिन पीडीए ने पूरे मकान का निर्माण अवैध बताते हुए कार्रवाई रोकने से साफ मना कर दिया। कार्रवाई के दौरान स्पॉट पर मौजूद रहे मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल हसन ने पीडीए की कार्रवाई का समर्थन किया है। मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल हसन ने कहा कि गुलाम की गतिविधियां पहले भी अच्छी नहीं थीं। इसलिए मकान में वह अलग रहा करते थे। सरकार इस मामले में जो भी कार्रवाई कर रही है, वह सही है। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तो होनी ही चाहिए। मां ने भी कहा है कि कई बार गुलाम को समझाया भी गया था। लेकिन उसकी संगत सही लोगों के साथ नहीं थी। 24 फरवरी को टोपी लगाकर गोली चलाने वाला गुलाम ही था। पहले यकीन नहीं हो रहा था लेकिन सीसीटीवी देखा गया तो यकीन सच में बदल गया।

मारा गया तो जनाजे में नहीं जाएंगे
पांच लाख के इनामी शूटर मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल हसन ने यह भी साफ कहा है कि पुलिस मुठभेड़ में अगर भाई को ढेर किया जाता है, तो परिवार के लोग उसकी बॉडी को भी नहीं लेंगे। चाहे जो भी हो जाये। अपराध करने वालों के साथ ऐसा ही होना चाहिए। उनके अपराध से पूरे परिवार को दु:ख झेलना पड़ रहा है। मोहम्मद गुलाम की मां खुसनूदा ने कहा पहले भी वह इस तरीके की अपराधिक घटना कर चुका था। इस बार उसने पूरे परिवार को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। मोहम्मद गुलाम की मां ने कहा कि आज उसके किए की सजा पूरे परिवार को मिल रही है। ऐसा उसको नहीं करना चाहिए था।

नहीं था कोई वास्ता
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में पांच लाख रुपये के इनामी शूटर गुलाम की मां खुसनूदा ने बताया कि उसको घर के हिस्से में एक कमरा मात्र दिया गया था। जहां पर आकर गुलाम रहता था। मां का कहना है कि उनके बेटे गुलाम से भी कई सालों से बातचीत नहीं होती थी। बस तकलीफ इस बात की है कि गुनाह गुलाम ने किया और सजा पूरे परिवार को मिल रही है। गुलाम व उसके साथियों ने जिन लोगों के साथ मिलकर तीन लोगों को मौत के घाट उतारा है। उनकी मां और उनके परिवार के लोगों के ऊपर भी दु:ख का पहाड़ टूटा है। इस कार्रवाई का उन्होंने सीधे तौर पर समर्थन तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि वह मोहम्मद गुलाम से वास्ता पहले भी बहुत नहीं रखती थी, आगे भी नहीं रखेंगी।

यह हो चुकी है कार्रवाई
गौरतलब है कि 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद और उसके भाई बरेली जेल में बंद अशरफ पर इस हत्याकांड की साजिश का आरोप है। इस साजिश को अंजाम तक शूटर मोहम्मद गुलाम, बमबाज गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान व माफिया अतीक अहमद के बेटे असद ने पहुंचाया है। इस घटनाक्रम में शामिल मोहम्मद गुलाम समेत पांच शूटरों पर पांच पांच लाख का इनाम भी शासन स्तर से घोषित किया गया है। इस घटनाक्रम में अभी तक दो मुठभेड़ हुई है, जिसमें दो बदमाश अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान ढेर हो चुके हैं। सदाकत खान नाम के एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। जिसे जेल भेजा गया है। अतीक की पत्नी शाइस्ता ने जहां शरण ले रखा था। उस मकान व अतीक के करीबी सफदर और माशूक प्रधान का घर जमींदोज किया जा चुका है।